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मुंबई में रोज निकल रहा 1,400 मैट्रिक टन डेब्रिज / जी 20 सम्मेलन के मद्देनजर 10 दिनों तक नहीं उठाया जाएगा मलबा

मलबे से से बढ़ रहा मुंबई का प्रदूषण स्तर

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई.मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक पिछले पंद्रह से बीस दिनों से खराब हो गया है. (Mumbai’s pollution level rising due to debris)  मुंबई में बड़ी संख्या में नई इमारतों का निर्माण किया जा रहा है और हर दिन लगभग 1 हजार 400 मीट्रिक टन मलबा उत्पन्न होता है. इस मलबे के निस्तारण के दौरान बहुत सारी धूल हवा में छोड़ी जाती है. इसलिए प्रदूषण बढ़ रहा है. अस्थायी समाधान के तौर पर और जी-20 सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए बीएमसी ने अगले दस दिनों तक मलबा नहीं उठाने का फैसला किया है.

मुंबई में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से ऊपर चले जाने पर चिंता जताई जा रही है. मुंबई शहर में सड़क निर्माण कार्यों के साथ-साथ मेट्रो रेल का काम हर जगह चल रहा है, सभी उपनगरों में दो से ढाई हजार से अधिक इमारतों का पुनर्विकास चल रहा है. जिससे प्रतिदिन 1 हजार 400 मीट्रिक टन मलबा पैदा हो रहा है. शहर के अलग-अलग हिस्सों से इकट्ठा किया गया मलबा देवनार डंपिंग ग्राउंड में डंप किया जाता है. मलबे से निकलने वाली धूल वातावरण में मिल जाती है जो हवा की गुणवत्ता को और खराब कर देती है. इसलिए मुंबई महानगरपालिका ने कम से कम दस दिनों तक मलबा नहीं हटाने का निर्णय लिया है.

मुंबई में हो रहे जी-20 सम्मेलन के मौके पर मलबा नहीं उठाने का फैसला किया गया था, लेकिन जल्द ही हवा की गुणवत्ता और वातावरण में धूल और मलबा उठाते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए, इस पर एक अध्ययन किया जाएगा.

मुंबई मनपा में विपक्ष के पूर्व नेता रवि राजा ने कहा कि मैंने G20 के बारे में ट्वीट किया. हम इसका स्वागत करते हैं. यह वैश्विक कार्यक्रम है.विभिन्न देशों के मेहमान और अधिकारी आते हैं, इसलिए बीएमसी ने 10 दिनों के लिए काम बंद करने का फैसला किया.  हालांकि बीएमसी के अधिकारियों को यह भी सोचना चाहिए कि नगर निगम को मुंबईकरों के स्वास्थ्य के  लिए ऐसा निर्णय लिया जाना चाहिए जो अतीत में इस प्रकार के वायु प्रदूषण से पीड़ित थे.

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