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हाईकोर्ट में राज्य चुनाव आयोग ने रखा अपना पक्ष, हम कानून से बंधे हैं

बीएमसी वार्ड संख्या में बदलाव की सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. राज्य सरकार द्वारा मुंबई मनपा वार्डों की संख्या घटाने के मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट में तीन दिन से चल रही बहस आज जस्टिस सुनील शुक्रे और जस्टिस एम डब्ल्यू चांदवानी की बेंच में पूरी हो गई. बहस पूरी होने के साथ हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर दिया. चुनाव आयोग ने आज हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा. आयोग ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पारित किसी भी कानून का पालन करने के लिए हम बंधे रहते हैं. हमारी भूमिका कानून या अध्यादेश पालन तक ही सीमित है. (The State Election Commission presented its stand in the High Court, we are bound by the law)

याचिका की सुनवाई सोमवार से शुरू हुई थी जो तीसरे दिन पूरी हुई  आज मुंबई हाईकोर्ट के सामने राज्य चुनाव आयोग ने अपना पक्ष स्पष्ट किया  राज्य चुनाव आयोग की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील शचींद्र शेट्ये ने कहा कि  महाविकास आघाड़ी सरकार हो या शिंदे फडणवीस सरकार किसी भी अधिसूचना और कानून का पालन करने हम बाध्य होते हैं.

चुनाव आयोग के अधिवक्ता सचिंद्र शेट्ये ने हाईकोर्ट  को बताया कि महाविकास आघाड़ी सरकार ने वार्डों की संख्या बढ़ाने के संबंध में अधिसूचना जारी की थी.  हम उसी के अनुसार के अनुसार चुनाव प्रक्रिया शुरू किए थे. किसी भी चुनाव के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरा करने में कम से कम छह महीने का समय लगता हैं.

मार्च 2022 में समाप्त होने वाले मनपा कार्यकाल से 6 महीना पूर्व चुनाव आयोग  चुनाव प्रक्रिया शुरू करने जा रही थी. लेकिन जनवरी 2022 में विधानमंडल ने वार्डों की संख्या को 227 से बढ़ाकर 236 करने का कानून लेकर आ गया. अधिसूचना जारी कर दी गई.  मई 2022 में आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने 236 निर्वाचन क्षेत्रों के साथ चुनाव की तैयारी की शुरू किया और उस संबंध में एक अंतिम अधिसूचना जारी की. 9 सीटों को बढ़ाने के लिए वार्डों का सीमांकन किया गया. जनता से सजेशन ऑब्जेक्शन मंगाए जिसमें 5000 आपत्तियां प्राप्त हुईं. उस पर भी व्यक्तिगत सुनवाई कर आपत्तियों का निस्तारण किया गया.

सितंबर 2022 में  राज्य में स्थापित नई सरकार ने वार्डों की संख्या बढ़ाकर 227 करने के लिए एक और कानून पेश किया. नए कानून के बाद हमें फिर से उसी हिसाब से काम करना शुरू किया.

मामले में  राज्य सरकार के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कहा कि एसईसी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार चुनाव कराने की कोशिश कर रहा है. सराफ ने स्पष्ट किया कि महाविकास आघाड़ी सरकार के फैसले के अनुसार सीमांकन का काम पूरा होने की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी. सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार चुनाव की प्रक्रिया दुबारा शुरू की गई.

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