पूंजीगत राजस्व, व्यय से अधिक, पहली बार हुआ यह परिवर्तन, बीएमसी कमिश्नर का दावा

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई महानगर पालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने शनिवार को बजट (BMC Commissioner- present Budget 2023-24) पेश करते हुए नये वर्ष में होने वाले मुंबई मनपा के कार्यों का लेखा जोखा पेश किया. उन्होंने कहा कि मनपा बजट में नये वित्तीय वर्ष के लिए प्राथमिकताएं तय की गई हैं. इस बजट में राजस्व आय 33,290.03 करोड़ रुपए है, जबकि व्यय 25,305.94 करोड़ रुपए है. पहली बार पूंजीगत आय और व्यय में परिवर्तन हुआ है. पूंजीगत आय 582.95 करोड़ रुपए और व्यय 19,847.80 रुपए हुआ है.
बीएमसी आयुक्त इकबाल चहल ने दावा किया है कि मुंबई मनपा के इतिहास में पहली बार पूंजीगत व्यय, राजस्व व्यय से अधिक है. वर्ष 2021-22 का बजट 39,038.83 करोड़ और शेष बजट 11.51 करोड़ था. जबकि वर्ष 2022-23 का बजट 45,949.21 करोड़ और शेष 8.43 करोड़ था. इस साल का बजट 52,619.07 करोड़ रुपए और शेष 65.33 करोड़ रुपए पेश किया गया है.
नये वित्त वर्ष में प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय प्रावधान
इस साल के बजट में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और बीजेपी नेताओं की उम्मीद के अनुसार मुंबईकरों के स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा 6309 करोड़ का वित्तीय प्रावधान किया गया है. मुंबई शहर में 1729 करोड़ रुपए की लागत से किए जा रहे सौंदर्यीकरण का बजट इस वर्ष केवल मार्च तक के लिए है. मुंबई में अप्रैल से सौंदर्यीकरण के 1200 नये स्पाट का चयन किया जाएगा. उसके बाद बजट में अलग से बजट तय किया जाएगा.
पुरानी परियोजनाओं को पूरा करने पर जोर
मुंबई मनपा ने इस बजट में अपनी पुरानी परियोजनाओं पर जोर दिया है. इसमें कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के लिए – 3545 करोड़, शिक्षा विभाग – 3345 करोड़, सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्र – 2792 करोड़, पुलों की मरम्मत – 2100 करोड़, सड़क सुधार – 2825.06 करोड़, वर्षा जल चैनल विकास कार्य – 2570.65 करोड़, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट – 2792 करोड़, ठोस अपशिष्ट – 366 करोड़, इलेक्ट्रिक बसों की खरीद – 800 करोड़, कर्मचारी बकाए के भुगतान के लिए बेस्ट को – 600 करोड़ दिए जा रहे हैं. बीएमसी कर्मचारियों के लिए आवास योजना – 1125 करोड़, गोरेगांव – मुलुंड लिंक रोड -1060 करोड़, रानी बाग विकास – 133.93 करोड़, देवनार बूचड़खाना विकास -13.69 करोड़ रुपए वित्तीय प्रावधान किए गए हैं.
प्रदूषण नियंत्रण के लिए संयंत्र
मुंबई में प्रदूषण बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली, गुड़गांव, लखनऊ की तर्ज पर मुंबई में पांच स्थानों पर वायु शुद्धि करण संयंत्र लगाए जाएंगे, इसके अलावा सब्जी मंडी का विकास, वाटर जल चैनल की मरम्मत, नए जल स्रोतों का निर्माण, उपनगरों में नई डिस्पेंसरी, अस्पतालों का विकास, एयर प्यूरीफायर टावर लगाना, मीठी, पोइसर, दहिसर, वालभाट जैसी नदियों का विकास, समुद्र के पानी का जलविद्युत उत्पादन आदि के लिए प्रावधान किया गया है. साथ ही, पार्कों, मैदानों, स्कूल इमारतों की मरम्मत, जल निकासी सुरंगों, साइकिल ट्रैक, पुलों की मरम्मत, आपातकालीन प्रबंधन, अग्निशमन दल के सुदृढ़ीकरण, मियावाकी वन, मेडिकल कॉलेजों, सीवेज प्रबंधन आदि के विकास के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की गई है.
वित्तीय अनुशासन बनाना बड़ी चुनौती
मुंबई महानगर पालिका के आय के प्रमुख स्रोत जकात वसूली को वर्ष 2017 से बंद कर दिया गया है. इसके लिए मुआवजे के तौर पर बीएमसी को राज्य सरकार से प्रति माह 9000 करोड़ वित्तीय किश्त की मदद मिलती है. वह जल्द ही बंद हो जाएगी. इससे नगर पालिका को सालाना होने वाली आय से हाथ धोना पड़ेगा. इसलिए, इस जीएसटी आय से रिक्त होने वाले वित्तीय अंतर को पूरा करने के लिए आय का एक नया स्रोत बनाना एक बड़ी चुनौती होगी. हालांकि इस बारे में बीएमसी ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि राज्य सरकार से मिल रहे मुआवजे के तौर पर राशि बंद भी होगी या नहीं.
आय के नये सोर्स पर विचार
मनपा को प्रशासनिक खर्चों में काफी बचत करने के लिए विभिन्न उपाय करने पड़ते हैं. बीएमसी की लीज पर दी गई सैकड़ों एकड़ जमीन का किराया बढ़ाने के एकमात्र प्रमुख विकल्प को अपनाने के अलावा आय का कोई दूसरा बड़ा विकल्प तैयार नहीं किया गया है. नगर पालिका की कौन सी योजनाएं अनावश्यक या बहुत महंगी हैं, कौन सी परियोजनाएं समाप्त हो चुकी हैं या होने वाली हैं इसकी समीक्षा कर व्यय को कम करना होगा.
खर्च पर लगाना होगा अंकुश
लगातार घाटे में चल रहे बेस्ट को हर साल दी जाने वाली करोड़ों रुपए की मदद पर कुछ हद तक अंकुश लगाना होगा. BEST घाटे को कम करने के लिए निजी बसों को किराये पर चलाने के बाद भी घाटे में ज्यादा बचत होती नहीं दिखाई दे रहा है. इसलिए अब व्यावसायिक उपयोग के लिए रणनीतिक स्थानों पर बेस्ट के प्लॉट देने, करोड़ों रुपए की आय के नए स्रोत बनाने, जहां आवश्यक हो वहां बेस्ट का किराया बढ़ाने, प्रशासनिक खर्चों में अधिकतम बचत आदि जैसे कठोर उपायों को अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.