ओबीसी आरक्षण के बिना होंगे स्थानीय निकाय चुनाव
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राज्य सरकार को झटका

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली. महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण (Local body elections will be held without OBC reservation) के बिना स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं कराने के महाविकास आघाड़ी सरकार के निर्णय को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट (Suprime court order)ने राज्य सरकार की दलीलों को खारिज करते हुए चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि दो सप्ताह में चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित करें.
विदित हो कि मुंबई मनपा के अलावा पुणे,पिंपरी चिंचवड़, ठाणे, उल्हासनगर, भिवंडी-निजामपुर, पनवेल,मीरा-भायंदर, सोलापुर, नासिक मालेगांव,परभणी, नांदेड-वाघाला, लातूर अमरावती, अकोला, नागपुर, चंद्रपुर महानगरपालिका के साथ नगर पालिका व नगर परिषदों के का कार्यकाल खत्म हो गया है. इन सभी महानगरपालिकाओं पर राज्य सरकार प्रशासक नियुक्त कर काम चला रही है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश मुंबई महानगरपालिका पालिका को छोड़कर अन्य सभी मनपा व जिला परिषद के लिए है.
राज्य सरकार मध्य प्रदेश की तर्ज़ पर 27% ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव नहीं कराने का फैसला लिया था. राज्य सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराने का आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार ने इम्पिरिकल डाटा जमा करने का निर्देश दिया था लेकिन राज्य सरकार इम्पिरिकल डाटा पेश करने में नाकाम रही. राज्य सरकार ने 2011 की जनगणना का आधार लेते हुए ओबीसी की अनुमानित जनसंख्या वृद्धि का आंकड़ा सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था. अब दो सप्ताह में चुनाव कराने का आदेश देकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को तगड़ा झटका दे दिया है. राज्य सरकार ने स्थानीय निकायों का चुनाव कराने संबंधी अध्यादेश जारी किया था जिसमें चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग से निकाल कर अपने हाथ में ले लिया था.
इससे पहले मुंबई मनपा के वार्डों का परिसीमन किया गया था जिसे रद्द कर नये सिरे से परिसीमन कराने का निर्णय लिया गया था. वह भी अभी लंबित है. दो सप्ताह के भीतर चुनाव कराने में परिसीमन का भी पेंच फंस सकता है. यदि नये सिरे से वार्डों का परिसीमन होता है उसके लिए दुबारा से सजेशन ऑब्जेक्शन मंगाना पड़ेगा. यह इतनी जल्दी होना असंभव लगता है. यानी राज्य सरकार का पूरा दांव ही इस एक आदेश से उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है.