लैप्स हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को शुरू करने में जुटा महारेरा
राज्य में बंद पड़े हैं 5756 हाउसिंग प्रोजेक्ट

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. महाराष्ट्र में बंद हो चुके 5756 हाउसिंग प्रोजेक्ट जिनमें करोड़ों रुपए का निवेश अटका हुआ है, (Maharera busy in starting laps housing projects)महारेरा ऐसे प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करने की कोशिश कर रहा है. अभी हाल ही में महारेरा अध्यक्ष के निर्देश पर राज्य की 6 बड़ी हाउसिंग संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई जिसमें लैप्स हो चुके ने हाउसिंग प्रोजेक्ट को शुरू करने पर विचार विमर्श किया गया.
इस बैठक में लैप्स प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए संगठनों के वरिष्ठ और अनुभवी सदस्यों को मिला कर 6 मध्यस्थता समूहों का गठन किया गया. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन प्रोजेक्टस के कार्य 70 प्रतिशत पूरा होने के बाद बंद पड़ गए हैं. उनको दुबारा शुरू किया जाना चाहिए.
बिल्डर संगठनों की मध्यस्थता में होगा काम
डेवलपर्स के कुल छह स्व नियामक संगठन ( Self Regulatory (एसआरओ) महारेरा के साथ पंजीकृत हैं. जिसमें नारेडको वेस्ट फाउंडेशन, ( NAREDCO wast foundation) क्रेडाई-एमसीएचआई,(CREDAI-MCHI) क्रेडाई महाराष्ट्र (CREDAI MAGARASHTRA), बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ( BUILDER ASSOCIATION OF INDIA), मराठी बांधकाम व्यवसायिक एसोसिएशन ( MARATHI BNDHKAM VYVSAYIK ASSOCIATION) और बृहन्मुंबई डेवलपर्स एसोसिएशन (BRIHANMUMBAI DEVELOPER ASSOCIATION)शामिल हैं.
70 प्रतिशत काम होकर रुके हैं 1882 प्रोजेक्ट
महारेरा के मीडिया सलाहकार राम दोतोंडे ( बताया कि राज्य में 5756 हाउसिंग प्रोजेक्ट लैप्स हो चुके हैं. इनमें से 1882 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनका 70 प्रतिशत काम होने के बाद बंद हो गई हैं. यह सभी प्रोजेक्टस स्व-नियामक निकायों के साथ पंजीकृत नहीं हैं. बंद पड़े प्रोजेक्ट में से 624 प्रोजेक्ट इन संस्थानों में रजिस्टर्ड हैं. इन्हें दोबारा शुरु करने का निर्णय लिया गया. बिल्डर संगठनों को इन 624 प्रोजेक्ट विस्तृत जानकारी दी जाएगी. बंद पड़े प्रोजेक्ट में मुंबई, ठाणे , पालघर, रायगड में 309, पुणे में 220, नागपुर में 20, औरंगाबाद में 29, नासिक में 41 और अमरावती में 5 परियोजनाएं हैं. ये नियामक निकाय परियोजना के बाकी हिस्सों में मदद करने के लिए सहमत हुए हैं.
4 समूहों में बांट कर होगा काम
महारेरा इन प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करने के लिए वर्तमान स्थिति को देखते हुए 4 समूहों में बांट दिया है. पहले समूह में उन प्रोजेक्ट को शामिल किया गया है जिन्हें घर खरीदारों के अधिकारों से समझौता किए बिना पूरा किया जा सकता है. दूसरा समूह जिनमें डेवेलपर्स और घर खरीददारों के बीच तालमेल बैठा कर पूरी की जा सकती हैं. तीसरे समूह में ऐसे प्रोजेक्ट होंगे, जिन्हें स्थानीय अधिकारियों या उधार देने वाले बैंकों के संदर्भ में कुछ कठिनाइयों के कारण महारेरा के हस्तक्षेप की आवश्यकता होगी. चौथे समूह की परियोजनाओं में जहां डेवलपर गायब है और घर खरीदार डेवलपर को बदलकर परियोजना को पूरा कर सकता है. इस योजना के तहत रूके प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू किए जाने की योजना बनाई गई है.




