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नींद से जागा मुंबई विद्यापीठ प्रशासन

परिसर की झोपड़पट्टियों को हटाने का फैसला

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई.14 वर्ष पूर्व अतिक्रमण कर मुंबई विद्यापीठ (Mumbai  University Kalina) परिसर में बनाये गये झोपड़ों(Ready to remove Slums)  को हटाने के लिए प्रशासन की नींद खुल गई है. “विद्यापीठ परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा” शीर्ष से इनसाइट न्यूज स्टोरीज की खबर प्रकाशित होने के बाद विद्यापीठ प्रशासन हरकत में आया है. प्रशासन वहां बसे झोपडो़ं को जल्द हटाने के लिए आगे की कार्रवाई करने पर सहमत हुआ है.
मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति सुहास पेडणेकर ने सीनेट की बैठक बुलाई थी जिसमें झोपड़ो को हटाने का निर्णय लिया गया. कुलपति ने सीनेट की बैठक में बताया कि कुलसचिव प्रोफेसर सुधीर पुराणिक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा जिसमें विद्यापीठ के इंजीनियर भी होंगे.
सीनेट की बैठक में उठे सवाल
 सीनेट सदस्य वैभव थोरात ने सीनेट की बैठक में मुंबई विद्यापीठ कालीना परिसर स्थिति जवाहरलाल नेहरु ग्रंथालय के पीछे बनी झोपड़पट्टियों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में विभिन्न कार्यों के लिए ठेकेदारों ने यहां मजदूरों को रहने के लिए घर बनाये थे. वे तब से ही यहां रह रहे हैं. कितनों के बच्चे यहां पैदा हुए जो यहां के निवासी होने की राह पर हैं. उनके जन्म प्रमाणपत्र पर यहीं का पता है. हमें डर है कि विश्वविद्यालय की जमीन पर एक दिन एसआरए कालीना सोसायटी बन जायेगी. थोरात ने सवाल किया कि इन झोपड़ों पर कब कार्रवाई होगी. सीनेट के एक अन्य सदस्य सुधाकर तांबोली ने कहा हमने इस मुद्दे को कई बार उठाया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. कुल सचिव सुधीर पुराणिक ने कहा कि दो महीने के भीतर झोपड़ों को हटाया जाएगा.
छात्र एक्टिविस्ट ने दी थी आंदोलन की चेतावनी
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इसके पहले छात्र एक्टविस्ट आशीष द्विवेदी ने विश्वविद्यालय परिसर में असामाजिक तत्वों का मुद्दा उठाया था. आशीष ने कहा था कि परिसर की बाउंड्री टूटी होने के कारण चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं. उन्होंने मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी.

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