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सिक्किम में 4.3 तीव्रता का भूकंप, दहशत में घरों से बाहर निकले लोग

भारत में बड़ा भूकंप आने की चेतावनी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

Earthquake in india दिल्ली. सिक्किम में आज तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई है. भूकंप आने से लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, सिक्किम से 70 किमी उत्तर में युकसोम में तड़के  4.15 बजे झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र अक्षांश 27.81 और देशांतर 87.71 पर था. भूकंप की गहराई 10 किमी रिकॉर्ड की गई. भूकंप में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की फिलहाल कोई सूचना नहीं है. (4.3 magnitude earthquake in Sikkim, people came out of their homes in panic)

तुर्की और उत्तर पश्चिमी सीरिया में एक सप्ताह पूर्व आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 34,000 तक पहुंच गई है. बचाव के प्रयास अभी भी जारी हैं. रविवार को मरने वालों की संख्या कम से कम 34,179 तक पहुंच गई. सीरिया में मरने वालों की संख्या 4,574 होने की पुष्टि की गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी सीरिया के विपक्षी-अधिकृत हिस्सों में मरने वालों की संख्या 3,160 से अधिक हो गई है. राज्य समाचार एजेंसी के अनुसार, सीरिया के सरकारी कब्जे वाले हिस्सों में कुल 1,414 लोग मारे गए.

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर जावेद मलिक ने दावा किया है कि भारत में भी तुर्की जैसा बड़ा भूकंप आने की संभावना है. कुछ दिन पहले दिल्ली से लेकर लखनऊ तक भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. इससे साफ है कि आने वाले दिनों में भारत में भूकंप आने की आशंका है. आईआईटी कानपुर के पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रोफेसरों ने इस संबंध में एक शोध किया है. उनका दावा है कि भूकंप का केंद्र हिमालय या अंडमान निकोबार या कच्छ हो सकता है.
जोन 2 में भोपाल, जयपुर, हैदराबाद और आसपास के अन्य शहर शामिल हैं. जोन 3 में कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, सोनभद्र, चंदौली और अन्य आसपास के शहर शामिल हैं. जोन-4 में बहराइच, लखीमपुर, पीलीभीत, गाजियाबाद, रुड़की, नैनीताल, लखीमपुर व अन्य तराई क्षेत्र शामिल हैं. इसके अलावा जोन-5 में कच्छ, अंडमान और निकोबार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और आसपास के अन्य राज्य और शहर शामिल हैं.

पृथ्वी में बड़ी गहराई पर टेक्टोनिक प्लेटें हैं. उनकी गति, टक्कर और उतार-चढ़ाव प्लेटों के बीच तनाव की एक निरंतर स्थिति पैदा करते हैं. यह तनाव तब ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है और आमतौर पर भूकंप का कारण बनता है. यदि बहुत अधिक ऊर्जा छोड़ी जाती है, तो शक्तिशाली भूकंप महसूस किए जाते हैं या इन भूकंपों की तीव्रता बहुत अधिक होती है.

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