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कम आयु में मृत्यु के आगोश में क्यों समा रहे लोग, WHO के स्टेप सर्वे से खुलासा

खानपान में बदलाव के साथ शारीरिक व्यायाम को बताया आवश्यक

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

Result of WHO Steps Survey: मुंबई नगरपालिका स्वास्थ्य विभाग, विश्व स्वास्थ्य संगठन, एक स्वतंत्र अनुसंधान संस्थान, नीलसन आईक्यू इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने हाल ही में शहर और उपनगरों में गैर-संचारी रोगों की स्थिति जानने के लिए स्वास्थ्य संबंधी सर्वेक्षण किया. इनमें नशे की लत, पौष्टिक आहार की कमी और लापरवाही के कारण हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह और पुरानी सांस की बीमारी जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं. यह निष्कर्ष निकाला गया है कि ये सभी कारण नागरिकों की मृत्यु का प्रमुख कारण हैं. कम आयु में लोग मृत्यु के आगोश में समा रहे हैं. बीएमसी के स्टेप सर्वे से इसका खुलासा हुआ है. (WHO’s steps survey reveals why people are dying at a young age)

तंबाकू की बढ़ती मात्रा, शराब की लत, दैनिक आहार में फलों और सब्जियों की कमी, भोजन में नमक का अत्यधिक उपयोग, गलत जीवनशैली और शारीरिक व्यायाम की कमी के कारण दुनिया भर में मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की घटनाएं बढ़ रही हैं. मुंबई में हुए इस सर्वे में मुख्य रूप से 18 से 69 साल की उम्र के लोगों में गैर-संचारी रोगों के जोखिम का अध्ययन किया गया. यह सर्वेक्षण मुंबई में अगस्त से दिसंबर 2021 तक तीन चरणों में किया गया था. पहले चरण में, सामाजिक-जनसांख्यिकीय और व्यवहार संबंधी जानकारी के लिए डेटा एकत्र किया गया था.

दूसरे चरण में ऊंचाई, वजन और ब्लड प्रेशर के आंकड़े जुटाए गए. तीसरे चरण में रक्त ग्लूकोज और कोलेस्ट्रॉल के स्तर का आकलन करने के लिए जैव रासायनिक माप किए गए. सर्वेक्षण के लिए संपर्क किए गए 5,950 वयस्कों में से 5,099 वयस्कों ने सर्वेक्षण में भाग लिया. इसमें 2 हजार 601 पुरुष व 2 हजार 598 महिलाएं शामिल थीं.

सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्ष 

आहार: अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन कम से कम 400 ग्राम फलों और सब्जियों का सेवन करने से गैर-संचारी रोगों का खतरा कम हो जाता है  लेकिन मुंबई में, सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग 94% नागरिक प्रतिदिन अपर्याप्त फल और सब्जियां खाते हैं, जो अनुशंसित मात्रा से 50% कम है.

नमक का प्रयोग: विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश के अनुसार दैनिक जीवन में नमक की मात्रा 5 ग्राम है, लेकिन लोगों के दैनिक भोजन में यह मात्रा 8.6 ग्राम से अधिक पाई गई.

शारीरिक व्यायाम: अच्छी सेहत के लिए हफ्ते में 150 मिनट एक्सरसाइज जरूरी है.हालांकि, तीन-चौथाई (74.3%) यानी (7/10 मुंबईकर) अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधि नहीं करते पाए गए.

बॉडी मास इंडेक्स: लगभग 46% नागरिक औसत वजन से अधिक पाए गए, 12% मुंबईकर मोटे पाए गए, विशेषकर महिलाओं में मोटापा अधिक है.

तंबाकू इस्तेमाल: दरअसल तंबाकू के सेवन से हर साल 70 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है. सर्वेक्षण के अनुसार, तंबाकू की कुल खपत 15% है. उसमें से 12% नागरिक प्रतिदिन तंबाकू का सेवन करते हैं. खासतौर पर पुरुषों में तंबाकू का सेवन ज्यादा है. मौखिक तम्बाकू (मशेरी, गुटखा, पान मसाला, खैनी) के उपयोग का प्रचलन लगभग 11% बहुत अधिक पाया गया.

बढ़ा हुआ रक्तचाप या उच्च रक्तचाप: मुंबई में, 34% नागरिकों ने उच्च रक्तचाप की सूचना दी. यह पाया गया है कि 72% नागरिक सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं. जिनका इलाज चल रहा था, केवल 40% नागरिकों का रक्तचाप नियंत्रण में पाया गया है.

उच्च रक्त शर्करा या मधुमेह: मधुमेह रोगियों में, टाइप 2 अधिक आम है और भारत में बुजुर्गों को प्रभावित करता है. जो लोग मोटापे से ग्रस्त हैं और गतिहीन हैं उन्हें टाइप 2 मधुमेह का खतरा अधिक होता है. मुंबई शहर के लगभग 18% मुंबईकरों में फास्टिंग ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक है. 82% लोग सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं में उच्च रक्त शर्करा के लिए उपचार प्राप्त कर रहे हैं. इसके अलावा, उपचार प्राप्त करने वालों में से केवल 42% लोगों का रक्त शर्करा नियंत्रण में पाया गया. जबकि, 8.3% व्यक्तियों में उच्च रक्तचाप और मधुमेह दोनों पाए गए.

बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल: इस सर्वेक्षण में, लगभग 21% व्यक्तियों (5 में से 1) का कुल कोलेस्ट्रॉल ≥ 190 mg/dl बढ़ा हुआ था या वर्तमान में वे बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की दवा ले रहे थे.

 

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