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डीजीपीआर में 500 करोड़ का विज्ञापन घोटाला, पूर्व महानिदेशक सहित 9 अधिकारियों घोटाला करने का आरोप

विपक्ष के नेता अजीत पवार ने की तत्काल निलंबित करने की मांग

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सूचना एवं जनसंपर्क (DGIPR) विभाग में फडणवीस सरकार (Fadnvis Gaverment 500 Crores Advertisement Scam) के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा बिना मुख्यमंत्री की मंजूरी के करीब 500 करोड़ रुपए के विज्ञापन घोटाला सामने आया है.  (500 crore advertisement scam in DGPR, 9 officials including former director general accused of scam) यह गंभीर अनियमितता और कदाचार है. स्वीकृति नहीं मिलने के कारण संबंधित विज्ञापन एजेंसी को भुगतान किए जाने वाले 2019-20 के बिलों को वित्त विभाग ने रोक रखा है. यह विज्ञापन ‘मुख्यमंत्री को अवगत किया’  इस तरह की टिप्पणी के बाद जारी किए गए थे. जबकि मुख्यमंत्री से कोई अनुमति नहीं ली गई.

अब मुख्यमंत्री की कार्योत्यर अनुमति लेकर बिलों के भुगतान का आदेश देकर इस घोटाले पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है, यह एक गंभीर मामला है. इस तरह का आरोप विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार लगाया है. पवार ने कहा कि सरकार इस घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है. उन्होंने  इस मामले में आरोपियों का समर्थन किए बिना दोषी अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने की मांग की है.

राज्य के प्रशासनिक विभागों ने सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय से मीडिया प्लान तैयार करने का निर्णय लिया है. जबकि योजना के लिए मुख्यमंत्री की स्वीकृति अनिवार्य है. फडणवीस सरकार के दौरान एक भी विभाग ने 2019-20 के मीडिया प्लान के लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी नहीं ली. विभागों ने बिना मुख्यमंत्री की मंजूरी लिए 500 करोड़ से ज्यादा के विज्ञापन दे दिए. 2019 में विधानसभा के आम चुनाव हुए. उस दौरान विभिन्न सरकारी विभागों ने तत्कालीन फडणवीस सरकार द्वारा 5 वर्षों में लिए गए निर्णयों और कार्यों का खूब प्रचार-प्रसार किया. इस घोटाले के सामने आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि ‘कार्रवाई सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना की गई है. मुख्य सचिव को अपने स्तर पर मामले की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे. मुख्य सचिव ने इस बारे में जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया था.  सामाजिक न्याय विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव व संयुक्त सचिव, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के तत्कालीन महानिदेशक व पूर्व निदेशक समेत 8 उच्च पदस्थ अधिकारियों की जांच करने का आदेश दिए गए थे. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में 500 करोड़ से अधिक के विज्ञापन ‘मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया गया है’ कमेंट कर दिया गया. वर्तमान में मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सामाजिक न्याय विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव पर गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है.

स्वीकृति नहीं मिलने के कारण संबंधित विज्ञापन एजेंसी को भुगतान किए जाने वाले 2019-20 के बिलों को वित्त विभाग ने रोक रखा है. अब मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अलग आदेश देकर इस घोटाले पर पर्दा डाला है. उन्होंने आदेश दिए कि सभी संबंधित विभाग वर्ष 2019-20 के अपने मीडिया प्लान प्रस्तावों के लिए मुख्यमंत्री की स्वीकृति तत्काल प्राप्त करें. ऐसी स्वीकृति लेते समय संबंधित विभाग अपने प्रस्ताव मुख्य सचिव, विभाग के मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री (वित्त) के माध्यम से प्रस्तुत करें. कृपया इस कार्यवाही को अविलंब पूर्ण करें ताकि इस मामले में आपके विभाग के लंबित बकाया का भुगतान किया जा सके. मुख्यमंत्री ने ये आदेश सचिव, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को दिए हैं. नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने दोषी अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की पदेन अनुमति से घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है.

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