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फिर सक्रिय हुआ धारावी बचाओ आंदोलन, अडानी रियलिटी का शुरू हुआ विरोध, 9 अगस्त को सर्वदलीय विशाल सभा का आयोजन

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. राज्य सरकार ने धारावी का डेवलपमेंट ( Dharavi Redevelopment) करने की जिम्मेदारी देश के बड़े  उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी अडानी रियलिटी Adani Reality) को दी है. अडानी रियलिटी ने 5069 करोड़ रुपए का ठेका हासिल किया है, लेकिन अब इसका भी विरोध शुरू हो गया है. धारावी बचाओ आंदोलन  (Save Dharavi Andolan) अब एक बार फिर सक्रिय हो गया है. (Save Dharavi movement became active again, protest against Adani Reality started, all party big meeting organized on August 9)

रविवार को धारावी बचाओ बैनर के तहत बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में तय किया गया कि सरकार ने जिस तरह हमारी मांगों को नजरंदाज कर अडानी को ठेका दिया है उसमें बहुत गलतियां हैं. उन गलतियों को सुधरने के बाद ही धारावी का पुनर्विकास किया जाना चाहिए. ‘अडानी हटाओ, धारावी बचाओ’ के लिए 9 अगस्त को सर्वदलीय सभा का आयोजन किया गया है. जिसमें अडानी रियलिटी को हटाने की हुंकार भरी जाएगी.

धारावी बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष रमाकांत गुप्ता ने बताया कि धारावी में 1 लाख 5 हजार घर हैं सभी को घर के बदले घर और दुकान के बदले दुकान दी जानी चाहिए. लेकिन सरकार 2008 में किए सर्वे के आधार पर केवल 56 हजार घरों और दुकानों को पात्र मान रही है. सरकार जब धारावी का स्पेशल पर्पज वेहिकल के तहत डेवलपमेंट करना चाहती है तो इसमें कट ऑफ डेट क्यों शामिल कर रही है. सरकार ने 2010 तक के झोपड़ों को पात्र मान रही है तो धारावी को इससे अलग क्यों किया जा रहा है.

MUIP और MUTP प्रोजेक्ट में कट ऑफ की कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है.इसलिए धारावी के लिए भी कोई कट ऑफ डेट नहीं होनी चाहिए. पिछले 19 वर्षों से धारावी में किसी भी डेवलपमेंट को करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. स्कूल गिर गया लेकिन उसके लिए भी अनुमति नहीं मिल रही है. हमें डेवलपमेंट से कोई ऐतराज नहीं है लेकिन प्रोजेक्ट धारावी वासियों के हित में होना चाहिए न कि किसी कंपनी के हित में यह निर्णय लिया जाना चाहिए. प्रोजेक्ट वैसे भी 19 साल पीछे चला गया है. अडानी को प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 17 वर्ष की समयावधि दी गई है. इतने वर्षों में कौन कहां होगा. इन कमियों की वजह से हमें आंदोलन को फिर से शुरू करना पड  रहा है.

धारावी पुनर्विकास समिति के अध्यक्ष राजू कोरडे ने कहा कि अडानी रियलिटी को प्रोजेक्ट पूरा करनेकी अवधी 17 साल की है, और उसके बाद हर साल के लिए प्रति वर्ष रुपए 2 करोड़ delay penalty है. ऐसे में प्रोजेक्ट कई साल तक delay किया जा सकता है.

 

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