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राज्य सरकार का सबसे बड़ा फैसला, सभी सरकारी अस्पतालों में नागरिकों का होगा मुफ्त इलाज

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आईएनएस न्यूज नेटवर्क

Maharashtra Cabinet Decision:  मुंबई. राज्य विधानमंडल का मानसून सत्र का शुक्रवार को समापन हो रहा है. उससे पहले राज्य की शिंदे सरकार कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला करते हुए सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज मुफ्त कर दिया है. (The biggest decision of the state government, free treatment in all government hospitals)

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 21 भारतीय नागरिकों को जीवन का मौलिक अधिकार प्रदान करता है. स्वस्थ जीवन जीने के लिए नियमित स्वास्थ्य देखभाल भी आवश्यक है. स्वास्थ्य रहने का यह अधिकार शिंदे सरकार ने राज्य के नागरिकों को दिया है. इसके मुताबिक, अब राज्य के नागरिकों को जन स्वास्थ्य विभाग के सभी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिलेगा.

स्वास्थ्य विभाग के इस प्रस्ताव को स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने राज्य कैबिनेट की बैठक में पेश किया और कैबिनेट ने सर्वसम्मति से इसका समर्थन करते हुए इस फैसले को मंजूरी दे दी. इस फैसले के मुताबिक, अब राज्य के सभी नागरिकों को जन स्वास्थ्य विभाग के सभी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिलेगा.

राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, ग्रामीण अस्पतालों, महिला अस्पतालों, जिला सामान्य अस्पतालों, उपजिला अस्पतालों, कैंसर अस्पतालों के साथ-साथ नासिक और अमरावती के सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में सभी उपचार मुफ्त मिलेंगे. मौजूदा स्थिति में राज्य की करीब 2.55 करोड़ जनता इस अस्पताल में इलाज के लिए आ रही है.

राज्य में जन स्वास्थ्य विभाग के कुल 2418 संस्थान हैं और इन सभी जगहों पर मरीजों को मुफ्त इलाज मिलेगा. इस फैसले से राज्य के गरीब और जरूरतमंद लोगों को अब अपनी बीमारियों के इलाज के लिए पैसों की जरूरत नहीं पड़ेगी. साथ ही स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि पैसे की कमी के कारण उन्हें इलाज से वंचित नहीं किया जाएगा.

इससे पहले सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को 1319 प्रकार के उपचार और जांच के पैसे देने पड़ते थे. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने यह नहीं स्पष्ट किया मुंबई के सरकारी और मनपा अस्पतालों में इलाज की मुफ्त सुविधा मिलेगी या नहीं. सरकारी अस्पताल में इलाज के जाने वालों को पहले 20 रुपए की पावती लेनी पड़ती थी. खून की जांच, एक्स-रे, बेड, सिटी स्कैन, एमआरआई, सहित विभिन्न प्रकार के शुल्क देना पड़ता था.

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