साइबर अपराध रोकने राज्य सरकार ने उठाया बड़ा कदम
साइबर सुरक्षा परियोजना के लिए देंगे 837 करोड़ रुपए

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. बढ़ते साइबर अपराधों के खिलाफ तत्काल (State government took big step to stop cyber crime) कदम उठाने के लिए राज्य सरकार ने 837 करोड़ रुपए की लागत से साइबर सुरक्षा परियोजना लागू करने का निर्णय आज हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने की.
इस परियोजना के कारण, नागरिक अब 24 घंटे खुले रहने वाले कॉल सेंटर पर फोन के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकेंगे. शिकायत की जांच उन्नत साइबर तकनीक की मदद से की जाएगी , ताकि अपराध की तह तक जाकर अपराध को उजागर करने और अपराध साबित कर सजा बढ़ाने में मदद मिल सके.
साइबर अपराध दुनिया में सबसे बड़े संगठित अपराध के रूप में उभरा है और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके इस समस्या से निपटने की आवश्यकता है. राज्य में सभी स्तरों पर नागरिकों द्वारा नवीनतम तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है और उन्हें विभिन्न प्रकार की साइबर धोखाधड़ी का भी सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी वर्चुअल तरीके से नए अपराधों को अंजाम देने के लिए साइबर तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं.
साइबर अपराध की जटिल प्रकृति से निपटने के लिए इस खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए वर्तमान में उपलब्ध उपकरणों , संसाधनों और प्रौद्योगिकियों में आमूल-चूल सुधार की आवश्यकता है. इस आवश्यकता को पहचानते हुए , राज्य के गृह विभाग ने साइबर अपराध पर अंकुश लगाने और राज्य को ‘ साइबर सुरक्षित ‘ राज्य बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक , कुशल जनशक्ति और संसाधनों के साथ एक परियोजना तैयार की है.
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
विभिन्न नवीनतम उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को एक छत के नीचे लाना. इसमें कमांड एंड कंट्रोल सेंटर , टेक्नोलॉजी असिस्टेड इन्वेस्टिगेशन , सेंटर ऑफ एक्सीलेंस , सर्टिफिकेट महाराष्ट्र , क्लाउड बेस्ड डेटा सेंटर , सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर शामिल होंगे. एक अत्याधुनिक नागरिक-केंद्रित मंच बनाया जाएगा जिसमें नागरिकों , प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकी को शामिल किया जाएगा. राज्य भर के सभी पुलिस आयुक्तालय/अधीक्षक कार्यालयों के सभी साइबर पुलिस स्टेशनों को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा.
साइबर अपराधों के बारे में शिकायतें 24/7 कॉल सेंटर से फोन पर , साथ ही मोबाइल ऐप या पोर्टल पर संपर्क करके दर्ज की जा सकती हैं. साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों की त्वरित जांच कर जांच की जाएगी. इन अपराधों में अपराधियों को ढूंढने और सजा बढ़ाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को आधुनिक प्रशिक्षण दिया जाएगा.
नागरिकों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा. इस परियोजना के क्रियान्वयन की समीक्षा गृह विभाग की उच्च स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति द्वारा समय-समय पर की जायेगी. यह परियोजना विशेष पुलिस महानिरीक्षक (साइबर) के माध्यम से क्रियान्वित की जाएगी.