ठाकरे गुट, बीएमसी कमिश्नर पर कसेगा शिकंजा/कोरोना में किए गए कार्यों की कैग करेगा जांच
कोविड सेंटर सहित 76 कार्यों की होगी जांच

कोविड सेंटरों का निर्माण, उपकरण खरीद, ऑक्सीजन प्लांट, 56 सड़कों की मरम्मत, 6 एसटीपी प्रोजेक्ट, घनकचरा व्यवस्थापन की भी कैग करेगा जांच
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. कोविड काल के दौरान बीएमसी (BMC work in covid audit by CAG)की तरफ से किए गए अनाप-सनाप खर्च का अब हिसाब किया जाएगा. राज्य सरकार ने कोरोना के समय किए गए कार्यों की जांच और कैग से ऑडिट कराने का निर्णय लिया है. इससे बीएमसी की सत्तारुढ़ रहा ठाकरे गुट के साथ बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल की भी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.
सड़कों की सफाई, सफाई कामगारों के लिए बनाए जाने वाले आश्रम योजना, भिंडी बाजार क्लस्टर योजना में सड़कों की चौड़ाई कम कर बिल्ड़र को फायदा पहुंचाने, बीएमसी के कुछ अधिकारी – कर्मचारी अपनी कंपनी शुरु कर बीएमसी का काम लेने, घनकचरा व्यवस्थापन, जैसे कार्यों की संपूर्ण जांच की जाएगी. बीएमसी चुनाव के मौके पर ठाकरे गुट के साथ उनके पाले हुए बीएमसी अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरु हो गई है.
राज्य सरकार ने कोरोना काल में बीएमसी द्वारा वितरित किए गए कार्यों (कंट्रोलर ऑफ ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया) कैग स्वतंत्र संस्था से जांच कराने का आदेश दिया है. कैग कोरोना के समय बीएमसी द्वारा बनाए गए कोविड सेंटर, उसके लिए खरीदे गए उपकरण, नियमों के विरुद्ध जा कर कंपनियों को दिए गए ठेके इन सबकी जांच होने वाली है.
कोरोना में बिना निविदा निकाले सामानों की खरीद में अधिकारों का दुरुपयोग किए जाने का आरोप भाजपा की तरफ से लगाया गया था. कोरोना हुए घोटालों की सच्चाई सबके सामने आए इसलिए कैग से जांच कराने का निर्णय लिया गया है. बीएमसी कार्यों का विशेष लेखा परीक्षण करने का राज्य सरकार का आग्रह कैग ने मान लिया है.
इस जांच के दायरे में कोविड सेंटर बनाने, सड़क निर्माण, जमीन खरीद आदि जैसे 12 हजार करोड़ रुपए के 76 कार्यों की जांच कैग करने वाला है. उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा अधिवेशन के दौरान जांच किए जाने की घोषणा की थी.
कैग की इस जांच में बीएमसी कोरोना सेंटर्स, कोरोना काल में उपकरणों की खरीद, दहिसर स्थित जमीन खरीदने का मामला, ऑक्सीजन खरीद और बीएमसी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट घोटाला, बीएमसी के कुछ अधिकारियों ने अपनी कंपनी शुरु कर कोविड ठेका दिलाने का आरोप है.मुंबई शहर के लिए 56 सड़कों की मरम्मत पर खर्च किए गए 2286.24 करोड़ रुपए, एसटीपी प्रोजेक्ट के लिए खर्च किए गए 1084.61 रुपए, घन कचरा व्यवस्था के लिए परियोजनाओं पर 1020.61 खर्च भी जांच कैग करने वाला है.