Breaking Newsदिल्लीदेशविज्ञान

देश में हो रहे बड़े आविष्कार, अब रिलायंस ने उतारा हाइड्रोजन ट्रक

शोर और प्रदूषण से मुक्ति में सहायक

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली. चाहे रक्षा क्षेत्र हो या दूसरा कोई क्षेत्र देश में इस समय नये आविष्कार करने की होड़ लग गई है. देश भर में हो रहे नये आविष्कार के तहत मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस ने अशोक लेलैंड  ( (Reliance, Ashok Leyland) के साथ मिलकर हाइड्रोजन ट्रक (Hydrogen Truck) का निर्माण कर सबको चौंका दिया है. हाइड्रोजन ट्रक के निर्माण से शोर और प्रदूषण रहित सामान ढुलाई की जा सकेगी. हाइड्रोजन ट्रक की खासियत यह है कि इसकी क्षमता और ताकत डीजल से चलने वाली ट्रक जितनी है.
   पीएम ने दिखाई हरी झंडी 
रिलायंस ने सोमवार को बेंगलुरु में आयोजित इंडिया एनर्जी वीक  में हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रक पेश किया है. यह एक हेवी ड्यूटी ट्रक है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने “इंडिया एनर्जी वीक” में इस ट्रक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. हाइड्रोजन इंजन वाले ट्रक की सबसे खास बात यह है कि इससे करीब-करीब जीरो कार्बन उत्सर्जन होता है.  इससे सिर्फ पानी और ऑक्सीजन का ही उत्सर्जन होता है. इसकी परिचालन लागत भी कम है.
    ग्रीन मैबिलिटी को मिलेगा बूम
देश में ग्रीन मैबिलिटी को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस तरह के आविष्कार ग्रीन मोबिलिटी के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है. अशोक लेलैंड के साथ मिलकर बनाया ट्रक इस यूनिक टेक्नोलॉजी को डेवलप करने में रिलायंस और इसके व्हीकल पार्टनर अशोक लेलैंड के साथ ही दूसरे टेक्निकल पार्टनर्स काम कर रहे हैं. पिछले साल 2022 की शुरुआत में पहला इंजन आया था.इस ट्रक में दो बड़े हाइड्रोजन सिलेंडर लगे हुए हैं.
    शून्य कार्बन उत्सर्जन 
 देश का पहला H2ICE पर आधारित टेक्नोलॉजी
इस ट्रक के बारे में बताया गया है कि यह ऑन रोड़ देश का पहला H2ICE टेक्नोलॉजी वाली ट्रक है  ट्रक में परंपरागत डीजल ईंधन या तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के स्थान पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल होता है, तो इससे उत्सर्जन लगभग शून्य हो जाता है. H2ICE में H2 हाइड्रोजन का सूत्र है और आईसीई आंतरिक दहन इंजन के लिए है.
मैन्यूफैक्चरिंग लागत काफी ज्यादा 
भारत सरकार हाइड्रोजन के उपयोग पर काफी जोर दे रही है. इसका उत्पादन बिजली के जरिए पानी को तोड़ करके किया जाता है. स्टील प्लांट्स से लेकर उर्वरक इकाइयों तक में हाइड्रोजन का उपयोग होता है.  हालांकि, अभी हाइड्रोजन की मैन्यूफैक्चरिंग लागत काफी ज्यादा है. कई कंपनियां हाइड्रोजन मैन्यूफैक्चरिंग में इन्वेस्ट कर रही हैं.
 हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी प्रदूषण कम करने में सहायक
 पूरी दुनिया में प्रदूषण बढ़ने के ग्लोबल वार्मिंग में तेजी से वृद्धि हो रही है. बढ़ते प्रदूषण का असर जलवायु परिवर्तन पर दिखाई पड़ रहा है. हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी प्रदूषण और शोर को कम करने में भी सहायक होगा.

Related Articles

Back to top button