मुंबई.मुंबई महानगरपालिका द्वारा ‘ओपन स्पेस एडॉप्शन पॉलिसी’ (Bmc open spece adoption policy) का मसौदा 9 सितंबर, 2023 को प्रसारित किया गया है. इस नीति के तहत मनपा के स्वामित्व वाली भूमि के रखरखाव हेतु निजी संस्थानों को गोद दिए जाने का प्रस्ताव है. इस प्रस्ताव के संबंध में नागरिकों की राय जानने के लिए शुक्रवार को मनपा मुख्यालय में नीतिगत चर्चा के लिए नागरिकों, सरकार और मनपा प्रशासन की पालक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने बैठक का आयोजन किया गया था. (Opposition to the policy of adopting Mumbai’s open spaces)
इस बैठक में उपस्थित नागरिकों, सामाजिक संगठनों मनपा की नई नीति का विरोध किया. नागरिकों की तरफ से कहा गया कि मुंबई मनपा अमीर है, इसका वार्षिक बजट 52 हजार करोड़ रुपए है और जमा राशि 80 हजार करोड़ से अधिक है. ऐसे में मुंबई के खुले स्थानों को निजी संस्थाओं को देने की क्या आवश्यकता है. इससे पूर्व मैदानों को जिन नेताओं और संगठनों को लीज पर दिया गया है वे भारी शुल्क वसूल रहे हैं. मैदान का रखरखाव के नाम पर संस्थाओं द्वारा वसूला जाने वाला शुल्क आम नागरिकों के वहन करने योग्य नहीं है.
उन्होंने कहा कि मनपा को स्वयं इन खुले स्थानों को विकसित करना चाहिए. इस बैठक में उपस्थित केवल तीन लोगों ने मनपा की इस नीति का समर्थन किया, जिनमें एक एनजीओ भी था. उन्होंने कहा कि गोद लिए गए संस्थानों से खुले स्थानों का बेहतर विकास और रखरखाव होगा.
इस चर्चा के बाद मनपा के पार्क विभाग के उपायुक्त किशोर गांधी ने स्पष्ट किया कि मुंबई में मनपा के पार्क गोद लेने के आधार पर किसी को नहीं दिए जाएंगे. मनपा इस पार्क का स्वयं व करेगी. मनपा केवल खेल के मैदानों को गोद लेने के आधार पर संशोधित पॉलिसी लेकर आई है. वे संस्थाएं केवल चौकीदारों के लिए 1.8 वर्ग मीटर की चौकी और शौचालय का निर्माण करा सकती हैं. संस्थान विभिन्न खेलों के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराएंगे. इसके लिए उत्सुक अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. वह सारा पैसा एक खाते में जमा किया जाएगा. खर्च भी ऑनलाइन किया जाएगा. बैंक खातों पर मनपा का पूरा नियंत्रण रहेगा.
गांधी ने कहा कि यह नई नीति उन लोगों पर भी लागू होगी जिनके पास पहले से पट्टे पर रिक्रिएशन मैदान है. यदि वे इस नीति से सहमत नहीं हैं, तो मनपा उनके द्वारा वहां किए गए निर्माण की लागत का 50% भुगतान करके उस स्थान पर कब्ज़ा कर सकती है.
मुंबई में 359 खेल मैदान ,346 पार्क और 404 मनोरंजन उद्यान हैं. इनमें से केवल 359 खेल मैदान ही गोद लिए जा सकते हैं. संस्थाएं सुविधाओं के नाम पर मनपा दारा तय शुल्क से अधिक राशि नहीं वसूल सकती.
वडाला पूर्व में मैदान नहीं होने का उठा मुद्दा
बैठक में वडाला पूर्व के कोरबा मीठागार से लेकर भारतीय कमला नगर तक एक भी मैदान और उद्यान नहीं होने का मुद्दा पालक मंत्री के समक्ष रखा गया. उन्होंने नई पॉलिसी में इसे शामिल करने का निर्देश दिया.
पॉलिसी में हो आपराधिक कार्रवाई का प्रावधान
पालक मंत्री ने मनपा उद्यान विभाग से कहा कि जिन लोगों को पहले मैदान दिए गए हैं. वे छोड़ने के बदले कोर्ट में केस कर देते हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नियमों में आपराधिक कार्यवाही करने का सख्त प्रावधान करना जरूरी है.
इस बैठक की अध्यक्षता पालक मंत्री मगलप्रभात लोढ़ा ने की. बैठक मेें पूर्व नगरसेवक प्रभाकर शिंदे, भालचंद्र शिरसाट, अभिजीत सामंत, उज्ज्वला मोडक, कमलेश यादव, राजेश्री शिरवडकर, रमेश भांदिर्गे, पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी, सूचना का अधिकार कार्यकर्ता अनिल गलगली, जॉली फ्रेंडस स्पोर्ट्स क्लब माटुगा के डायरेक्टर शिवानंदन कोनार, सिटिजन फोरम नेपियंसी के विनय पंजाबी, भास्कर प्रभु, एसपीआर एनजीओ की अश्विनी देशपांडे, वन शक्ति संस्था के जोरू बथेना, घाटकोपर के अजय बागल, गुलमोहर वेल्फेयर सोसायटी जुहू के भरत शेट्टी, ठाकुर विलेज कांदिवली के देवांग दवे, गिरगांव के साथ रोचित कपाड़िया, बॉम्बे ग्रीन संस्था, पेडर रोड के नागरिकों ने अपनी राय रखी.