धारावी यूबीटी मोर्चा में जुटे केवल 15 हजार लोग
धारावी से ज्यादा बाहरी लोगों ने दर्ज करवाई उपस्थिति

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. महाराष्ट्र सरकार और अडानी रियलिटी( Morcha Agents Adani Reality) के खिलाफ आज धारावी से बांद्रा तक निकाले गए शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के मोर्चे में उम्मीद एक लाख लोगों की भीड़ जुटाने की थी लेकिन मोर्चे में केवल 15 हजार लोग ही पहुंच सके. जिस धारावी वासियों के लिए यह मोर्चा निकाला गया उन्होंने मोर्चे से अपना मुंह मोड़ लिया. क्योंकि धारावीकरों से अधिक मोर्चे में बाहरी लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. इससे पता चलता है कि विपक्षी पार्टियों का धारावी कार्ड अब सफल नहीं हो रहा है.
“धारावी बचाओ, अडानी हटाओ” को लेकर शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में 12 विपक्षी दलों का धारावी मोर्चा फ्लाप साबित हो गया. मोर्चा से पहले यह दावा किया गया कि इसमें एक लाख लोगों की भीड़ जुटेगी. लेकिन मोर्चे के बाद विपक्ष का यह दावा धरा रह गया. पिछले दो दशक से धारावी बचाने के लिए अनगिनत मोर्चे निकाले गए. तीन दशक से धारावी डेवलपमेंट के लिए अलग-अलग सरकारों ने की योजनाएं बनाई लेकिन धारावी का डेवलपमेंट मूर्तरूप नहीं ले सका. सरकार बदलने के साथ धारावी पुनर्विकास की योजना बदलती रही. राजनीति के चक्कर में धारावी का विकास प्रभावित होता रहा. अब तो धारावी वासी किसी भी आंदोलन का हिस्सा बनने से ऊब चुके हैं.
महाराष्ट्र सरकार ने धारावी विकास की जिम्मेदारी गौतम अडानी की कंपनी अडानी रियलिटी को दी है. धारावी का विकास का प्रारूप भी तैयार हो गया है. पात्र घरों को 400 वर्ग फीट का फ्लैट दिया जाएगा, लेकिन राजनीति दल इससे असंतुष्ट होकर अब 500 वर्ग फीट के घरों की मांग कर रहे हैं. मोर्चे का नेतृत्व कर रहे उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि धारावी डेवलपमेंट के लिए सरकार ने अडानी को ठेका दिया है. यह देश का सबसे बड़ा टीडीआर घोटाला है. सरकार में बैठे लोग नतमस्तक होकर अडानी के जूते चाट रहे हैं.
इससे उलट अब राज्य के सत्ताधारी पार्टी के नेता आरोप लगा रहे हैं कि उद्धव ठाकरे विकास की राह में रोड़ा अटका रहे हैं. कमीशनखोरी उनका पेशा है. कमिश्नर के लिए यह मोर्चा निकाला गया है. कुल मिलाकर यह साबित हो रहा है कि शिवसेना की मुंबई में जो धमक थी, अपने विभाजन के बाद वह धमक खोती जा रही है. 12 दलो के इंडिया गठबंधन के पूरा जोर लगाने के बाद भी मोर्चा के लिए केवल 15 हजार लोग जुटा सके. इसमें भी जो लोग जुटे उसमें धारावी वासियों से ज्यादा इन दलों के कार्यकर्ता थे.




