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22अगस्त को होगी महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष की सुनवाई

सुनवाई में देरी से उद्धव समूह की बढ़ रही चिंता

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. शिवसेना में बगावत के बाद शुरु हुआ सत्ता संघर्ष सुप्रीम कोर्ट (Suprime Court) में लंबित है. चीफ जस्टिस रमन्ना की बेंच में मामले की सुनवाई 12 अगस्त को होनी थी जिसे टाल कर 22 अगस्त कर दिया(Maharashtra power Struggle hearing to be held on August 22) गया है. लगातार टल रही सुनवाई से उद्धव समूह की चिंता बढ़ती जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट में लंबित सुनवाई का असर राज्य की राजनीति पर पड़ने वाला है. चीफ जस्टिस ए वी रमन्ना 26 अगस्त को रिटायर्ड हो रहे हैं.संभावना व्यक्त की जा रही है कि उनकी बेंच में सुनवाई मुश्किल है. इससे पहले ए वी रमन्ना ने बागी शिंदे समूह पर कठोर टिप्पणी की थी. इस मामले में अब क्या होगा 22 अगस्त को ही पता चलेगा.
एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों के साथ बगावत कर शिवसेना में अलग समूह बना लिया था. शिंदे गुट का आज भी दावा है कि वही असली शिवसेना है. इस बगावत के खिलाफ उद्धव ठाकरे की तरफ से 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने का पत्र विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवाल को दिया था. झिरवाल ने 16 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था. इसके खिलाफ शिंदे गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. शिवसेना के दोनों समूहों की सुप्रीम कोर्ट में कुल छह याचिकाएं प्रलंबित हैं.
 शिंदे समूह की तरफ केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र देकर शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष बाण पर दावा किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव समूह की याचिका पर चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि जब तक मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में नहीं हो जाती चुनाव चिन्ह के बारे में कोई निर्णय न लें.
चीफ जस्टिस ए वी रमन्ना के रिटायर्ड होने के बाद अगले चीफ जस्टिस यू ललित होंगे. आज ही उनके नाम की घोषणा की गई है. इस मामले की सुनवाई रमन्ना की तीन सदस्यीय बेंच के समक्ष होगी या बड़ी बेंच को सौंपा जाएगा अब इसका निर्णय 22 अगस्त को ही होगा.

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