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बेस्ट बसों की हड़ताल, स्कूल बसों को भी सवारी ढोने की अनुमति
राज्य सरकार ने जारी की अधिसूचना

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
BEST Bus Strike मुंबई. पिछले तीन दिनों से बेस्ट बसों की हड़ताल से यात्रियों की परेशानी के मद्देनजर राज्य सरकार ने निजी और स्कूल बसों को भी सवारी ढोने की अनुमति दी है. राज्य सरकार के गृह विभाग (परिवहन) ने अनुमति की अधिसूचना जारी की है. (Best strike, school buses are also allowed to carry passengers)
बेस्ट प्रशासन अपनी पुरानी हो चुकी बसों की जगह नई बस खरीदने के बदले सात कंपनियों की बसों पर ठेके पर चला रहा है. बेस्ट के पास खुद की 1390 बसें हैं और 1671 बसें वेटलीज पर चला रही है. कुल3061 बसों में प्रतिदिन 32 लाख यात्री यात्रा करते हैं. 1300 से अधिक ठेका ड्राइवरों के हड़ताल में शामिल होने के कारण 12 लाख यात्रियों को यात्रा करने में दिक्कत हो रही है. बेस्ट प्रशासन ने एसटी से 150 बसे चलाने का अनुरोध किया था जिसमें से शनिवार को 104 बसों को चलाया गया. फिर भी यात्रियों की समस्या जस की तस बनी हुई है.
बेस्ट प्रशासन का कहना है कि कंपनियों के साथ हुई बैठक में तुरंत हड़ताल खत्म कराने की सूचना दी गई है. सरकार और बेस्ट प्रशासन का पूरा ध्यान हड़ताल खत्म करने पर है. एक बार बसों की वैकल्पिक व्यवस्था होने पर कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने पर विचार किया जाएगा.
मनपा के पास दैनिक बस सेवा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए स्व-स्वामित्व वाली बसों का पर्याप्त बेड़ा नहीं है. ऐसी स्थिति में, मुंबईकरों को पर्याप्त बस सेवाएं प्रदान करना मुश्किल हो रहा है.
BEST कामगार सेना के अध्यक्ष सुहास सामंत ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर मनपा आयुक्त से आवश्यक धनराशि जारी करने के लिए निर्देश देने की का अनुरोध किया है.
बेस्ट बसों का किराया 5 किमी के लिए 5 रुपए, 10 किमी के लिए 10 रुपए, 15 किमी के लिए 15 रुपए और उससे अधिक दूरी के लिए मात्र 20 रूपए है.
BEST के बेड़े में कमी के कारण दैनिक यात्रियों की संख्या 45 लाख से घटकर 32 लाख हो गई है, निजी ठेकेदारों द्वारा संचालित बसों का दैनिक रखरखाव नियमित रूप से नहीं किया जाता है.
दरअसल इलेक्ट्रिक बसों में शार्ट सर्किट से आग लगने की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं. इससे पहले एमपी ग्रुप नामक ठेकेदार ने बसें बंद कर अचानक कारोबार से हाथ खींच लिया था. उक्त ठेकेदार ने अभी तक कर्मचारियों को तीन माह का वेतन व भविष्य निधि राशि का भुगतान नहीं किया है. इससे जनता के मन में BEST पहल की छवि ख़राब हो रही है और BEST की प्रतिष्ठा में बाधा उत्पन्न हो रही है. BEST के इंजीनियरिंग विभाग के पास एक सुसज्जित और कुशल कार्यबल है.
बिजली आपूर्ति विभाग के कर्मचारी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और मुंबई शहर को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. परंतु, पिछले कुछ वर्षों से विद्युत आपूर्ति विभाग में भी निजी ठेकेदारों को काम देने से कार्य की निरंतरता में बाधा उत्पन्न हो रही है. 2000 करोड़ रुपए के घाटे से जूझ रहे बेस्ट उपक्रम के पास इससे उबरने के लिए कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. इस कारण से बेस्ट प्रशासन मनपा से मिले अनुदान राशि पर निर्भर होता जा रहा है. अभी पिछले सप्ताह बेस्ट प्रशासन ने नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के मनपा से 3400 करोड़ का भुगतान करने की मांग की थी. यह राशि मंजूर होने के बाद अभी तक बेस्ट को जारी नहीं की गई है. ठेके पर बसों का संचालन करने वाला बेस्ट यात्रियों की समस्याओं से कैसे निपटता है इसको लेकर संशय बना हुआ है.




