जरांगे वापस लें आमरण अनशन, मराठा समाज केमराठा पिछड़ेपन का सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुनील शुक्रे (Sunil Shukre Submit Report) ने मराठा समुदाय (Maratha Reservation) के पिछड़ेपन की जांच के लिए राज्य भर में किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट आज सुबह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Cm Eknath Shinde) को उनके वर्षा आवास पर सौंपी गई. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस,आयोग के सदस्य भी मौजूद थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रिकॉर्ड समय में साढ़े तीन से चार लाख अधिकारियों और कर्मचारियों का सर्वेक्षण करने के लिए आयोग समेत पूरे प्रशासनिक तंत्र की सराहना की. मुंबई एकनाथ शिंदे ने आमरण अनशन पर बैठे मराठा नेता मनोज जरांगे से आमरण अनशन वापस लेने की अपील की. (Jarange should withdraw his fast unto death, survey report of Maratha backwardness of Maratha society presented)
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार गांव-गांव में डुगडुगी पिटवाकर नागरिकों से सर्वेक्षण में सहयोग करने का आह्वान किया गया , इसलिए यह सर्वेक्षण बहुत तेजी से किया गया.
इस कार्य के लिए राज्य के सभी विभागीय आयुक्त , कलेक्टर , मनपा आयुक्त को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सभी विभागों के सचिवों ने भूमि अधिग्रहण , भूमि प्रतिधारण , भूमि संग्रह , भूमि अभिलेख के साथ-साथ समाज के अनुपात और सरकार और छात्रों के शैक्षिक स्तर के संबंध में आयोग को जानकारी प्रदान की. राज्य में अर्ध-सरकारी नौकरियां साथ ही शारीरिक श्रमिकों की जानकारी भी आयोग को उपलब्ध करायी गई. इसके अलावा मराठा आरक्षण के तहत राज्य में मराठा युवाओं की आत्महत्या की जानकारी भी आयोग को उपलब्ध करायी गई.
किसी भी समाज के साथ अन्याय नहीं
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग से मराठा समुदाय के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक पिछड़ेपन की जांच करने को कहा था. इसके लिए साढ़े तीन से चार लाख लोग दिन-रात काम कर रहे थे.जब देवेन्द्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब उनके प्रयासों से मराठा आरक्षण उच्च न्यायालय में तो बच गया, लेकिन दुर्भाग्य से यह उच्चतम न्यायालय में नहीं टिक सका. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज सौंपी गई रिपोर्ट को राज्य कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा और उस पर चर्चा की जाएगी.
20 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र
हम मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए शुरू से ही सकारात्मक रहे हैं और समय-समय पर ऐसे कदम उठाए हैं. आयोग ने रिकॉर्ड समय में सर्वेक्षण पूरा कर लिया है और मुझे विश्वास है कि हम ऐसा आरक्षण प्रदान करने में सक्षम होंगे जो ओबीसी या किसी अन्य समुदाय को नुकसान पहुंचाए बिना कानून के दायरे में फिट बैठता है.
आंदोलन वापस लेने का आह्वान
मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है. हमने पिछले कुछ महीनों में कई ठोस कदम उठाए हैं. आयोग ने आज रिकॉर्ड समय में अपनी रिपोर्ट को मंजूरी भी दे दी है. हमने 20 फरवरी को विधानमंडल का विशेष सत्र भी बुलाया है. इन सबको देखते हुए मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारियों से अपना आंदोलन वापस लेने की अपील भी की.