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एन जी आचार्य कॉलेज में हिजाब बैन पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने किया हस्तक्षेप करने से इनकार

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को चेंबूर के एनजी आचार्य कॉलेज द्वारा हिजाब, नकाब, बुर्का, स्टोल, टोपी आदि पहनने पर रोक लगाए जाने के खिलाफ नौ छात्राओं द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया. छात्राओं ने कॉलेज द्वारा ड्रेस कोड लागू किया गया था. (Bombay High Court refuses to intervene in NG Acharya College hijab ban)

चेंबूर ट्रॉम्बे एजुकेशन सोसाइटी के एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज द्वारा जारी किए गए एक निर्देश को चुनौती देते हुए एक ड्रेस कोड लागू किया गया है जिसके तहत छात्राएं परिसर के अंदर हिजाब, नकाब, बुर्का, स्टोल, टोपी और बैज नहीं पहन सकती हैं.

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि ऐसा निर्देश उनके धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकारों, निजता के अधिकार और पसंद के अधिकार के खिलाफ है.

न्यायमूर्ति ए.एस. चांदुरकर और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की खंडपीठ ने खुली अदालत में कहा, उपर्युक्त कारणों से, हम हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं.

पिछले हफ़्ते सुनवाई के दौरान कॉलेज ने दलील दी कि इन वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य धार्मिक प्रतीकों के प्रदर्शन से बचना है, सिवाय उन प्रतीकों के जिन्हें धर्म के मौलिक अधिकार का हिस्सा माना जाता है, जैसे कि सिखों के लिए पगड़ी. कॉलेज का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल अंतुरकर ने बताया कि प्रतिबंध सभी धार्मिक प्रतीकों पर लागू होता है और इसका लक्ष्य मुस्लिम नहीं हैं. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कॉलेज की नीति धार्मिक प्रतीकों के खुले प्रदर्शन को रोकना है जब तक कि वे धर्म के मौलिक अधिकारों के तहत ज़रूरी न हों.

पिछले वर्ष कर्नाटक में भी इसी तरह का विवाद पैदा हो गया था. वहीं 90% मुस्लिम आबादी वाला देश तजाकिस्तान ने भी देश में हिजाब, नकाब,बुर्का पहनने पर रोक लगा दी थी.

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