
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई के राजेएडवर्ड स्मारक अस्पताल व जी एस सेठ मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2018 में मेडिकल छात्र के साथ हुए रैगिंग के मामले में 3 वार्डन सहित 17 छात्रों पर भोईवाड़ा पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है.
केईएम में फिजियोथेरेपी के छात्र के साथ वर्ष 2018 में रैगिंग का मामला खूब चर्चा में आया था जब रैगिंग से परेशान छात्र सुगात भारत पडघान अपनी परीक्षा बीच में छोड़कर गांव चला गया था. गांव से ही पडघान ने केईएम अस्पताल के डीन व अन्य अधिकारियों को मेल भेज कर रैगिंग की शिकायत दर्ज कराई थी. भोईवाड़ा पुलिस को दिए बयान में पडघान ने साथी मेडिकल छात्रों द्वारा किए गए बर्बरतापूर्ण व्यवहार का विस्तार से उल्लेख किया है. अनुसूचित जाति का होने के कारण किस तरह उसे अपमानित किया जाता था. उसको जमीन पर सोने के लिए मजबूर किया गया. छात्रावास बदलने के बाद भी जहां गया वहीं उसे धमकी दी जाती थी.
पडघान ने 2019 में दुबारा कॉलेज ज्वाइन किया. उसके बाद भी उस पर दबाव बनाया जाता रहा. जांच के लिए रैगिंग कमेटी का गठन तक नहीं किया गया ऐसा आरोप पडघान ने लगाया है. अपने बयान में पडघान ने कहा है कि लॉकडाउन लगाने के बाद वह फिर गांव चला गया था. 17 दिसंबर 2021 को भोईवाड़ा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस इस मामले में तहकीकात कर रही थी. 14 जनवरी को एफआईआर दर्ज की गई. हालांकि इस बारे में अभी कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है.
चार वर्ष पहले हुई घटना का पुलिस ने अब जाकर एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर में डॉ समाधान मिटकरी, डॉ सनील कुयरे, सोमनाथ सोनवलकर तीनों वॉर्डन, अमोघ पाटील,योगेश शिगाने, रामेश्वर तगडे, देवेश अटकरे, प्रसाद गुंजल,दिव्यल बिचकुले, वैभव, सुनीत मालवणकर, मयुरेश भोये, साक्षी पलरासकर, अंकिता राख, श्रुति कांबले, रुतिका कुदले, व अन्य छात्रों के खिलाफ, एसटीएसटी एक्ट की धारा 31(1)(I)(r)(s)(z) रैगिंग एक्ट 1999 की धारा 4, आईपीसी एक्ट 524,526 के तहत मामला दर्ज किया गया है.




