हाफकिन संस्था में भी शुरू हुआ हेरिटेज वॉक
पर्यटकों को मिलेगा 160 साल पुराने वास्तु देखने का मौका/ पर्यटन मंत्री लोढ़ा ने दी जानकारी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. पर्यटन निदेशालय ने मुंबई में हाई कोर्ट हेरिटेज वॉक के समान वास्तु, (Heritage walk in Haffkine institution) इतिहास और वास्तुकला की समृद्ध विरासत के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से हाफकिन संस्थान, मुंबई में हेरिटेज वॉक की शुरूआत की गई है. यह पहल 27 नवंबर आज रविवार से शुरू की गई है. पर्यटन मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा (Mangal prabhat lodha) ने बताया कि हर सप्ताह के वीकेंड पर आयोजित किया जाएगा. प्रत्येक हेरिटेज वॉक की अवधि अधिकतम एक घंटे की होगी. लोढ़ा ने बताया कि इस टूर के टिकट Bookmyshow.com पर बुक किए जा सकते हैं. मुंबई के कई विरासत वाली संरचनाओं जैसे मध्य रेलवे, मुंबई हाईकोर्ट, महानगरपालिका में पहले ही हेरिटेज वॉक शुरू किया गया है.
विश्व पर्यटन दिवस पर हेरिटेज वॉक शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. हेरिटेज प्रशंसकों के लिए पहली हेरिटेज यात्रा 27 नवंबर 2022 से शुरू की गई. यह पदयात्रा सुबह 10 बजे, 11 बजे और दोपहर 12 बजकर 54 मिनट पर आयोजित की गई. पर्यटन मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने उम्मीद जताई कि अधिक से अधिक विद्वान और पर्यटन प्रेमी इस गतिविधि का लाभ उठाएंगे.

हाफकिन इंस्टीट्यूट फॉर ट्रेनिंग, रिसर्च एंड टेस्टिंग भारत के सबसे पुराने बायोमेडिकल रिसर्च संस्थानों में से एक है और इसे 1899 में स्थापित किया गया था. प्लेग के टीके की खोज करने वाले डॉ. वाल्डेमर माइकल हाफकिन के नाम पर ‘हाफकिन संस्थान’ का नाम रखा गया था संस्थान संक्रामक रोगों के विभिन्न पहलुओं में प्रशिक्षण, अनुसंधान और परीक्षण में सबसे आगे एक बहु-विषयक संगठन के रूप में विकसित हुआ है. यह राज्य और केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ काम करता है. इस संस्था को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्लेग के प्रयोगशाला के तौर पर काम करने के लिए आमंत्रित किया है.
पर्यटन निदेशालय के निदेशक डॉ. बी.एन. पाटिल ने कहा, “इस विरासत यात्रा का एकमात्र उद्देश्य लोगों को विज्ञान और कला को जोड़ने वाली वास्तुकला को दिखाना है.वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति जो बॉम्बे गवर्नर का निवास स्थान था. संस्थान में विभिन्न रोगाणुओं की प्रतिकृतियां हैं और साथ ही प्लेग का टीका कैसे विकसित किया गया था, इसकी भी प्रतिकृति है.