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लाड़ली बहन योजना के खिलाफ दायर याचिका खारिज

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. हाईकोर्ट ने  लाडली बहन योजना (ladli Bahan Yojna) के विरुद्ध दायर की गई याचिका आज खारिज कर दी. विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए, राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना’ और ‘मुख्यमंत्री युव कार्य प्रशिक्षण योजना’ शुरू की है. इस योजना के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें इसे रद्द करने की मांग की गई थी. आरोप लगाया गया था कि  यह योजना करदाताओं के पैसे पर लागू किया गया है.  याचिका पर मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई. जिसके बाद इसे खारिज कर दिया. (PIL filed against Ladli Behan Yojana dismissed)
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने यह कल्याणकारी योजना शुरू की है और यह सरकार द्वारा लिया गया एक नीतिगत निर्णय है. हाई कोर्ट ने इसमें दखल देने से इनकार कर दिया है. इससे राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के समक्ष उत्पन्न भय दूर हो गया. यह जनहित याचिका चार्टर्ड अकाउंटेंट नावेद मुल्ला की ओर से वकील पेचकर ने दायर की थी.
राज्य सरकार कु ओर से महाधिवक्ता डॉ. बीरेंद्र सराफ ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट से कहा कि जनहित याचिका निराधार है.  पेचकर ने बताया कि इस योजना में पक्षपात है और ढाई लाख रुपए से अधिक आय वालों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि, पीठ ने इसमें हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.
याचिका में कहा गया था कि मतदान से पहले मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए लाडली बहन योजना लाई गई है.  याचिका में कहा गया कि इस योजना पर हजारों करोड़ रुपए खर्च होंगे. यह करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग है.
 लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी को तगड़ा झटका लगने के बाद आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एक योजना लाई गई है. मुख्यमंत्री लाड़ली बहिन योजना एवं मुख्यमंत्री युवा कार्य प्रशिक्षण योजना को क्रियान्वित करना अति आवश्यक है. यह सरकार की डैमेज कंट्रोल की कोशिश है. इस योजना के कारण राज्य पर हजारों करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा जबकि लड़का भाऊ योजना के लिए दस हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी. हालांकि कोर्ट ने असहमति व्यक्त करते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

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