एफडीए के दो ड्रग इंस्पेक्टर नौकरी से बर्खास्त, दो अन्य अधिकारी भी रडार पर, फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र जमा करने का आरोप
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. महाराष्ट्र सरकार ने एफडी में नौकरी पाने के लिए फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र जमा करने वाले दो ड्रग इंस्पेक्टर को सेवा से टर्मिनेट कर दिया है जबकि दो अधिकारियों पर अब भी तलवार लटक रही है. टर्मिनेट किए गए ड्रग्स इंस्पेक्टर का नाम प्रवीण राउत और येडिलवार है. (Two drug inspectors of FDA terminated, sword of dismissal hangs over two others)
महाराष्ट्र अन्न व औषधि प्रशासन विभाग में वर्ष 2012 में 80 ड्रग इंस्पेक्टरों की नियुक्ति हुई थी. नियुक्ति के समय शर्त यह थी कि अभ्यर्थी को बी फार्मा होने के साथ किसी दवा कंपनी में काम करने का पांच वर्ष का अनुभव होना चाहिए. एक व्यक्ति जिसका चयन नहीं हुआ उसने मुंबई हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ में मुकदमा दायर कर आरोप लगाया कि 40 अभ्यर्थी जिनका एफडीए ड्रग इंस्पेक्टर के पद पर चयन किया गया है, दवा कंपनियों का फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र जमा कर नौकरी प्राप्त की है.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था, साथ ही पीड़ित की पात्रता की जांच कर उसे नौकरी देने के लिए भी निर्देशित किया था. इस मामले की जांच में प्रथमदृष्टया चार ड्रग इंस्पेक्टर ने फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र जमा किया पाया गया. जिसमें राउत और येडिलवार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. जबकि 2 इंस्पेक्टर को भी जल्द टर्मिनेट किया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि इस मामले में कई ड्रग इंस्पेक्टर ने फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र जमा किया है लेकिन उन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है.