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आमरण अनशन पर बैठे जैन मुनि ने त्यागे प्राण

झारखंड जैन तीर्थ में सम्मेद शिखरजी को बचाने 10 दिन से कर रहे थे आमरण अनशन

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

जयपुर. झारखंड (Jharkhand) स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी ( Sammed shikhar tirth) को टूरिस्ट प्लेस बनाने के विरोध में पिछले 10 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे जैन मुनि सुज्ञेय सागर ने आज अपने प्राण त्याग दिए. (Jain monk Sugyey Sagar Maharaj sitting on fast unto death gave up his life)

गौरतलब हो कि झारखंड सरकार गिरिडीह जिले को टूरिस्ट प्लेस घोषित किया है जहां पर जैन तीर्थ सम्मेद शिखर भी आता है. जैन धर्म के लोग तब से ही सम्मेद शिखरजी तीर्थ को बचाने के लिए देश में आंदोलन कर रहे थे.

इसी मुद्दे पर जैन मुनि सुज्ञेय सागर जी आमरण अनशन पर बैठे थे. मंगलवार को उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए. मंगलवार को ही सांगानेर में उनकी समाधि दी गई.

जैन मुनि सुनील सागर महाराज ने बताया कि पवित्र सम्मेद शिखर तीर्थ हमारे बहुत महत्वपूर्ण है. जैन मुनि सुज्ञेय सागर के प्राण त्यागने के बाद एक अन्य जैन मुनि समर्थ सागर ने उनके स्थान पर आमरण अनशन शुरू किया है.

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