सायन कोलीवाड़ा में हारा उम्मीदवार और चारकोप में अनजान चेहरे को टिकट देकर कांग्रेस ने मारी पैर पर कुल्हाड़ी

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. कांग्रेस ने आज 23 सदस्यों की दूसरी सूची की जिसमें मुंबई की तीन विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं. इस सूची में कांग्रेस से 2019 विधानसभा चुनाव में हारे प्रत्याशी दक्षिण भारतीय गणेश यादव को टिकट दिया है. वही उत्तर भारतीय बाहुल्य सीट चारकोप विधानसभा से एक अनजान चेहरे यशवंत जयप्रकाश सिंह को टिकट देकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है. ऐसे उम्मीदवारों को को टिकट देकर चुनाव से पहले इन सीटों पर कांग्रेस ने अपनी पराजय स्वीकार कर ली है. वही कांदिवली पूर्व विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने कालू बुधेलिया को टिकट दिया है. भाजपा उम्मीदवार अतुल भातखलकर के आगे कालू बुधेलिया भी निष्प्रभावी साबित हो सकते हैं. (By giving ticket to a defeated candidate in Sion Koliwada and an unknown face in Charkop, Congress shot itself in the foot)
सायन कोलीवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पांच बार नगरसेवक तथा मनपा में विरोधी पक्ष नेता रहे रवि राजा टिकट सायन कोलीवाड़ा सीट पर कांग्रेस पार्टी के टिकट के लिए प्रमुख दावेदार थे, राम मिलन शुक्ला ने भी इस सीट पर टिकट चाहते थे. गणेश यादव पिछली बार भाजपा उम्मीदवार कैप्टन तमिल सेल्वन के सामने बुरी तरह से पराजित हो गए थे. इसके बावजूद उनको इस बार टिकट थमा दिया गया. तमिल सेल्वन के सामने रवि राजा ही मजबती से चुनाव लड़ सकते थे.
रवि राजा को मुंबई में सभी जानते हैं, वे जनता का काम करने के हमेशा तत्पर रहते थे इसके बावजूद मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष (Mumbai Congress President) गुटबाजी करके रवि राजा का टिकट कटवा दिया. लेकिन दिल्ली में बैठे कांग्रेस नेताओं ने भी आंख पर पट्टी बांधे रखी. दिल्ली के नेताओं को केवल दलित और मुस्लिम ही दिख रहे हैं. ऐसा आरोप स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारियों ने लगाया है. रवि राजा के करीबियों का कहना है कि उन्हें कांग्रेस पार्टी छोड़ देनी चाहिए. चार दशक तक काम की सेवा करने भी यदि पार्टी कद्र नहीं करती है तो ऐसे पार्टी में रह कर क्या फायदा.

रवि राजा (Ravi Raja) के करीबी एक नेता ने बताया कि वे जल्द ही निर्णय ले सकते हैं. यदि रवि राजा पार्टी छोड़ने का निर्णय लेते हैं तो कांग्रेस में इस्तीफों का दौर शुरू हो सकता है. वहीं चारकोप सीट पर यशवंत सिंह मतदाताओं में बहुत अनजान चेहरा हैं, एक हिन्दी भाषी को टिकट देकर कांग्रेस अपने उपर लग रहे उत्तर भारतीयों से नफरत का आरोप कम करने का प्रयास किया है. लोगों का कहना है कि यह तीनों सीटें कांग्रेस को मजबूत उम्मीदवार खड़ा करना था लेकिन गुटबाजी के कारण कांग्रेस बड़ी भूल कर बैठी. इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा.