विधानसभा में हार से बहुत कुछ खो देने का खतरा, राज्यसभा में नहीं पहुंच पाएंगे प्रमुख दिग्गज

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. महाराष्ट्र में महायुति की लैंड स्लाइड विक्ट्री से आगामी समय में महाविकास आघाड़ी के नेताओं के साथ राज्य की राजनीति पर दूरगामी असर पड़ सकता है. महाराष्ट्र में राज्यसभा की 19 सीटें हैं. महायुति अपने दम पर 14-17 सांसद ला सकती हैं. साथ ही मुंबई महानगरपालिका चुनाव में भी शिवसेना उबाठा का वर्चस्व खत्म होने का खतरा पैदा हो गया है. (There is a risk of losing a lot due to defeat in the assembly, the bigwigs will not be able to reach the Rajya Sabha)
शिवसेना उबाठा की तरफ से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत अब राज्यसभा नहीं जा पाएंगे. एनसीपी एसपी के नेता शरदचंद्र पवार के दरवाजे भी राज्यसभा के लिए बंद हो जाएंगे. शरद पवार ने कहा था कि वे अब कभी चुनाव नहीं लड़ेंगे. इस करारी हार के बाद महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज का सूर्य अस्त हो सकता है.
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), एनसीपी (शरद चंद्र पवार) और कांग्रेस के पास एक-एक राज्यसभा सांसद चुनने के लिए भी पर्याप्त संख्या नहीं है. यह एक अभूतपूर्व स्थिति बन गई है. राज्यसभा ही नहीं विधान परिषद में भी महाविकास आघाड़ी दलों के सदस्यों की संख्या कम हो जाएगी.
इस जीत के बाद राज्यसभा में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिल जाएगा. जिससे वक्फ बोर्ड सहित दूसरे कई महत्वपूर्ण बिल पास कराना आसान हो जाएगा. जबकि विपक्ष खुद को असहाय सा दर्शन दीर्घा में खड़ा पाएगा.
मनपा की सत्ता से भी बेदखल हो जाएगा विपक्ष
इस हार का असर राज्य की 25 से अधिक उन महानगरपालिका चुनावों पर भी पड़ेगा जिनका कार्यकाल खत्म हो चुका है. खासकर मुंबई महानगरपालिका में शिवसेना उबाठा का 25 वर्षों से वर्चस्व रहा है. हमेशा शिवसेना का महापौर निर्वाचित होता था. अब यह वर्चस्व टूट सकता है. 50 के करीब नगरसेवक शिंदे गुट में जाने से शिवसेना उबाठा कमजोर हो चुकी है. हालांकि उसके मुंबई में 10 विधायक चुने गए हैं. मुंबई, ठाणे शिवसेना का गढ़ रहा है. ठाणे तो हाथ से निकल गया, यह गढ़ भी अब दरकने लगा है.




