Breaking Newsमहाराष्ट्रमुंबई

जिन सीटों पर हारे वहां करेंगे समीक्षा, शिवसेना की बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिए निर्देश

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई. शिवसेना की नाराजगी के बावजूद भाजपा की तरफ से शपथग्रहण की जोरदार तैयारियों से शिवसेना नेताओं में हड़कंप मच गया है. मुख्यमंत्री के सरकारी आवास वर्षा बंगले पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में शिवसेना नेताओं की बैठक चल रही है जिसमें मंत्रिमंडल में शामिल होने सहित जिन सीटों पर हार मिली उसकी समीक्षा की जा रही है.(We will review the seats where we lost, Chief Minister Eknath Shinde gave instructions in the Shiv Sena meeting)

राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद महागठबंधन 236 सीटें जीतने में सफल रहा. जिसमें बीजेपी को 132, शिवसेना शिंदे ग्रुप को 57, एनसीपी को 41 और अन्य को 6 सीटें मिलीं. राज्य में कई जगहों पर शिंदे और ठाकरे के बीच हुए मुकाबले में शिंदे की पार्टी के उम्मीदवार क्यों हारे, इसके कारणों की गहनता से जांच की जाएगी. इस बैठक में शिवसेना के वरिष्ठ नेता उपस्थित हैं.

बैठक में कहा गया कि जिन सीटों पर शिवसेना
प्रत्याशियों की हार हुई उन्हें निराश हुए बिना इसके पीछे के कारणों को ढूंढना चाहिए. आखिर हार क्यों हुई, हम कहां चूक गए, क्या महायुति धर्म का पालन किया गया? क्या इस हार के लिए कुछ पार्टी नेता जिम्मेदार हैं? हारे हुए प्रत्याशियों को एक रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपने का निर्देश दिया गया है, इन निर्देशों को ध्यान में रखते हुए पार्टी अगले चुनाव में इन गलतियों से बचने के लिए सफल योजना बनाएगी.

सूत्रों ने कहा कि बैठक में हारे हुए प्रत्याशियों द्वारा गठबंधन का पालन नहीं करने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं को संदेह है कि कुछ वरिष्ठ मंत्रियों ने जिले में वर्चस्व की लड़ाई में पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ काम किया है. इसके सामने आने के बाद यह देखना अहम होगा कि पार्टी क्या फैसले लेती है.

मंत्री पद को लेकर चर्चा 

तबीयत ठीक नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गांव चले गए थे. मुंबई लौटने के बाद भी वे अपनी मिटिंग रद्द कर दिए थे. गृहमंत्री पद को लेकर शिवसेना अड़ी हुई है. नेताओं के जरिए भाजपा को संदेश भी भेजा जा रहा है. लेकिन भाजपा गृहमंत्री पद अपने पास रखना चाहती है. शिवसेना की नाराजगी के कारण सरकार गठन में हो रही देरी से भाजपा नेतृत्व परेशान हो गया है. उसके बाद निर्णय लिया गया कि शिवसेना सरकार में रहे या ना रहे शपथग्रहण की तैयारी शुरू करो.

5 दिसंबर शाम 5 बजे शपथग्रहण तय हुआ है. सोमवार को भाजपा नेताओं ने आजाद मैदान का निरीक्षण किया जिसमें शिवसेना नेताओं को इसकी जानकारी नहीं दी गई. जबकि राकांपा अजीत गुट के नेता निरीक्षण के समय मौजूद थे. मंत्री दिपक केसरकर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमें सूचना दी जाती तो हम भी उपस्थित रहते. इससे पता चलता है कि भाजपा अब ज्यादा दबाव सहन करने को तैयार नहीं है.

Related Articles

Back to top button