फायर सुरक्षा पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इमारतों पर बीएमसी करेगी सख्ती

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Mumbai Fire: ताडदेव स्थित एक बहुमंजिला सचिनम हाईट्स (Sachinam Heights) में शनिवार को शार्ट-सर्किट में आग लगने से 6 लोगों की मौत के बाद बीएसमी ने अग्नि सुरक्षा (Fire Sefty) को लेकर अब और सख्ती बरतने जा रही है. इमारतों के निरीक्षण के दौरान यदि अग्निसुरक्षा में एक भी कमी पाई गई तो पूरी सुरक्षा प्रणाली को अपर्याप्त मानते हुए दुबारा से संपूर्ण ऑडिट किया जाएगा.
मुंबई फायर ब्रिगेड ( Mumbai Fire Brigade) प्रमुख हेमंत परब ( Chief Hemant Parab) के अनुसार अब लगी आग के मामलों की जितनी जांच की गई उसमें 70 से 80 प्रतिशत बिजली प्रणालियों में त्रुटियों के कारण आग की घटनाएं हुई हैं. इस समस्या से निपटने के लिए फायर ब्रिगेड को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. फायर ब्रिगेड अब आग दुर्घटनाओं में बिजली की खराबी, शॉर्ट सर्किट आदि के कारणों को स्थायी रूप से खत्म करने के लिए जरुरी कदम उठाएगा. भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने और नियंत्रित करने के लिए दमकल विभाग द्वारा सख्त कदम उठाए जाएंगे.
लेकिन इसके अलावा भी इमारतों में आग लगने के कारणों और जांच पर फायर एक्सपर्ट ( Fire Experts) ने सवाल उठाए हैं. सवाल सोसायटियों पर उठे हैं जो सुरक्षा मानको को नजअंदाज करते हैं. फायर एक्सपर्ट दीपेश शौर्य का कहना है कि समय के साथ पुराने पड़ चुके केबल और वायर को बदलना जरुरी होता है. लेकिन लोग सालों साल उसी पुराने केबल का उपयोग करते रहते हैं. मेन केबल मीटर से फ्लैटों के लिए जो केबल मीटर आता है उसे तो 8 -10 साल में अवश्य बदल लेना चाहिए. 10 वर्ष से अधिक पुरानी इमारतों में यह देखा गया है कि लोग अपने घरों में बिजली का उपयोग तो बढ़ा लेते हैं लेकिन वायर को बदलते ही नहीं है. इससे वायर पर ओवरलोड बढ़ जाता है.ओवर लोड बढ़ने के साथ ही केबल की क्षमता भी बढ़ानी चाहिए. घरों में यह भी देखा गया है कि ऐसी आदि में लोग मेन फ्यूज को बाइपास कर, मैन्युवली डायरेक्ट कर लेते हैं. यह सुरक्षा मानकों के लिए बहुत खतरनाक होता है.
एक और फायर एक्सपर्ट नवनीत सागर का कहना है कि बिल्डिंगों में लगाये गए फायर उपकरणों में खासकर इक्सटिंग्युसर फायर सिलेंडर्स में सही सामग्री भरी हुई है कि नहीं इसकी जांच नहीं होती, मेन्युफैक्चरर की भी जांच होनी चाहिए.
पैसा बचाने के लिए सुरक्षा ताक पर
इमारतों में ठीक तरीके से सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता है. आग की सुरक्षा के लिए चाहे वह इंडस्ट्रीज हो या इमारत कर्मचारियों को उचित ट्रेनिंग देनी चाहिए. जब मैं ऑडिट करने जाता हूं तो पता चलता है कि फायर सिस्टम ही नहीं लगाए गए हैं. पैसा बचाने के लिए लोग सुरक्षा को ताक पर रख देते हैं. इलेक्ट्रिक पैनलों में ऑटोमेटिक सिस्टम लगाने की जरूरत है. तभी आग की घटनाओं को कुछ हद तक कम किया जा सकता है.
प्रेमलाल भट्टाराई
ऑडिटर व फायर सेफ्टी कंसल्टेंट