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15 वर्षो तक देवनार डंपिंग ग्राउंड पर नहीं हो सकता निर्माण, धारावी पुनर्वास परियोजना के लिए 124 एक भूमि देने पर राज्य सरकार और बीएमसी को भेजा कानूनी नोटिस

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई। राज्य सरकार ने हाल ही में धारावी पुनर्विकास के लिए देवनार डंपिंग ग्राउंड में 124 एकड़ भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बंद डम्पिंग ग्राउंड पर अगले 15 वर्षों तक कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार की इस पेशकश के खिलाफ एडवोकेट सागर देवरे ने राज्य सरकार और मुंबई महानगरपालिका आयुक्त को कानूनी नोटिस भेजा गया है।  उन्होंने देवनार डंपिंग ग्राउंड को धारावी परियोजना को देने के निर्णय को तत्काल रद्द करने की मांग की है। (No construction can be done on Deonar dumping ground for 15 years, opposition to giving Deonar dumping ground to Dharavi project) 

मुंबई में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे के निपटान के लिए देवनार, गोराई, कांजुरमार्ग और मुलुंड में डंपिंग ग्राउंड स्थापित किए गए। गोराई डंपिंग ग्राउंड बंद कर दिया गया। मुलुंड डम्पिंग ग्राउंड पर कोई नया कचरा नहीं डाला जाता है। कांजूरमार्ग डंपिंग ग्राउंड भी पूरी तरह भरा हुआ है। वर्तमान में, मुंबई में प्रतिदिन लगभग 6,500 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से 600 मीट्रिक टन कचरा देवनार में और शेष कचरा कांजुरमार्ग में डाला जाता है। हालांकि, मुंबई महानगरपालिका द्वारा आवश्यक क्षेत्र को छोड़कर, देवनार डंपिंग ग्राउंड के 235 एकड़ के शेष क्षेत्र को भी धारावी के पुनर्विकास के लिए हस्तांतरित करने के लिए महानगरपालिका ने अपनी तत्परता दिखाई थी।

 राज्य सरकार ने पांच-छह महीने पहले धारावी पुनर्विकास के लिए 124 एकड़ जमीन देने का निर्णय लिया। 24 जनवरी 2025 को राजस्व और वन विभाग ने पुनर्विकास कार्य में तेजी लाने के लिए मुंबई महानगरपालिका आयुक्त को पत्र भेजा। यह स्पष्ट किया गया है कि डंपिंग ग्राउंड पर कचरा जमा हो गया है और स्वच्छ भारत मिशन नियम 2016 के अनुसार, कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान करना तथा भूमि को साफ करना मनपा की जिम्मेदारी है। बीएमसी को देवनार साइट से कचरा हटाने को कहा है। लेकिन सरकार के इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बंद डम्पिंग ग्राउंड पर अगले 15 वर्षों तक किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। इसी तरह डंपिंग ग्राउंड के 500 मीटर क्षेत्र को बफर जोन घोषित करना होगा। देवरे ने कहा कि इसके बावजूद राज्य सरकार ने देवनार डंपिंग ग्राउंड की 124 एकड़ जमीन “धारावी पुनर्वास परियोजना” को देने का फैसला किया है और हजारों करोड़ रुपये खर्च करके इस स्थल को बहाल करने के लिए निविदा जारी की गई है। इसी प्रकार, मुलुंड डंपिंग ग्राउंड भी इसी परियोजना के तहत देने का विचार किया जा रहा है।

 देवरे ने कहा कि इसके खिलाफ राज्य सरकार और मुंबई मनपा आयुक्त को कानूनी नोटिस भेजा गया है और कहा कि देवनार डंपिंग ग्राउंड को धारावी परियोजना को देने का निर्णय तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए, मुलुंड और देवनार डंपिंग ग्राउंड पर अगले 15 वर्षों तक किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगाई जाए।

देवरे ने कहा कि उन्होंने मांग की है कि डंपिंग ग्राउंड के 500 मीटर के क्षेत्र को बफर जोन घोषित किया जाए और मुलुंड डंपिंग ग्राउंड में गोल्फ कोर्स के बजाय न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क की तर्ज पर एक सेंट्रल पार्क बनाया जाए।

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