Breaking Newsधर्ममुंबई

पीओपी से गणेश मूर्तियां बनाने वाले मूर्तिकारों को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने दी छोटी मूर्तियों के निर्माण की अनुमति

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

मुंबई। प्लास्टर ऑफ पेरिस से गणेश मूर्तियां बनाने वाले मूर्तिकारों को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने सोमवार को  पीओपी से बनाई जाने वाली छोटी गणेश मूर्तियों के निर्माण की अनुमति दे दी। हालांकि उनका विसर्जन केवल कृत्रिम तालाबों में ही किया जा सकता है। लेकिन बड़े गणेश मंडलों में बैठाई जाने वाली पीओपी  की गणेश मूर्तियों के विसर्जन को लेकर हाईकोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया है। इस पर अब राज्य सरकार क्या निर्णय लेती है इस पर सबका ध्यान लगा हुआ है। (Big relief to sculptors making Ganesh idols from POP High Court gives permission to make small idols)

नए संशोधित नियमों के अनुसार, छोटी पीओपी मूर्तियां बनाने या उन्हें व्यावसायिक रूप से बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। हालांकि, सभी ने इस बात पर सहमति जताई है कि उनका विसर्जन कृत्रिम तालाबों में ही किया जाएगा। अब सबसे बड़ा सवाल बड़े सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों का है। इसके मुताबिक, बॉम्बे हाईकोर्ट ने अब राज्य सरकार को सभी प्रमुख मंडलों से बात करने और बड़ी गणेश मूर्तियों के विसर्जन के संबंध में समाधान निकालने के निर्देश जारी किए हैं।

पीओपी मूर्तियों पर लाल निशान लगाना अनिवार्य 

पीओपी की मूर्तियों के निर्माण मनपा द्वारा  पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ मूर्ति निर्माता संघों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है। राज्य भर में चल रहे उत्सव और इस पर आधारित पेशेवरों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने भी इस संबंध में नरम रुख अपनाया है। याचिकाकर्ताओं ने सोमवार को हाईकोर्ट में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा इस मुद्दे पर डॉ. अनिल काकोडकर की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजी गई रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है। इसके अनुसार इस शर्त पर अनुमति दी गई है कि इस वर्ष गणेशोत्सव के दौरान छोटी पीओपी मूर्तियों का कृत्रिम तालाबों में विसर्जन किया जाएगा। इस बीच हाईकोर्ट के निर्देशानुसार पीओपी की पहचान के लिए हर मूर्ति के पीछे लाल निशान होना अनिवार्य कर दिया गया है।

अगली सुनवाई 30 जून को

भले ही छोटी पीओपी मूर्तियों का मसला सुलझ गया हो, लेकिन 20 फीट की मूर्तियों का विसर्जन कैसे होगा? इसका हल अब राज्य सरकार को निकालना होगा। किसी भी परिस्थिति में पीओपी की मूर्तियों का विसर्जन समुद्र, नदी, झील जैसे किसी भी प्राकृतिक जल स्रोत में नहीं किया जाएगा।  इसलिए राज्य सरकार बड़े सार्वजनिक मंडलों को यह कैसे समझाएगी यह अब देखना बाकी है।  हाईकोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 30 जून को करेगा।

पीओपी से पर्यावरण को नुकसान

पीओपी की मूर्तियों से पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के कारण राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पीओपी से होने वाली गणेश मूर्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। हाईकोर्ट ने सीपीसीबी के फैसले को सही बताया था। जिससे पीओपी से गणेश प्रतिमाओं का निर्माण करने वाले हजारों मूर्तिकारों के जीविकोपार्जन पर संकट खड़ा हो गया था।

विसर्जन के लिए भी समुद्र में हाईटाइड रेखा

बीएमसी ने इस बार गणेश प्रतिमाओं के समुद्र में विसर्जन के लिए नया नियम बनाया है। गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन हाई टाइड लाइन से आगे नहीं किया जा सकेगा। बीएमसी अधिकारी ने कहा कि वह समुद्र की गहराई में विसर्जित की जानी वाली प्रतिमाओं को निकाला नहीं जा सकता। इसलिए निर्धारित स्थानों पर बोया लगाया जाएगा। उससे आग विसर्जन नहीं किया सकेगा। इससे प्रतिमाओं के अवशेष को असानी से इकट्‌ठा किया जा सकेगा।

Related Articles

Back to top button