टैरिफ पर हो गया खेल, ट्वीट डिलिट कर भागे ट्रंप
भारत ने लगा दी अमेरिका की लंका

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत के खिलाफ एकतरफा 25% टैरिफ की घोषणा की थी। उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी लेकिन टैरिफ घोषित होने के कुछ समय बाद वे अपना ट्वीट डिलिट कर भाग खड़े हुए। भारत ने अमेरिका की ऐसी लंका लगाई कि ट्रंप के होश फाख्ता हो गए। (The game over tariffs was over, Trump ran away after deleting the tweet)
दरअसल ट्रेड डील की बातचीत के बीच ही अमेरिका ने एकतरफा फैसला लेते हुए भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। भारत रुस से हथियारों के सौदे के अलावा बड़ी मात्रा में क्रूड ऑयल खरीद रहा है। इससे ट्रंप बौखलाकर गए हैं। दुनिया के सुपरबॉस का तमगा लेकर घूमने के शौकीन ट्रंप भारत के साथ भी वही ट्रेड डील चाहते हैं जो उन्होंने जापान, इंडोनेशिया और फिलिपींस जैसे देशों के साथ किया, यानी सिर्फ अपना मुनाफा. टैरिफ का हंटर चलाकर लगान वसूलने का ये हथकंडा ट्रंप का बड़ा हथियार है, लेकिन भारत ने उनके सामने सरेंडर करने से इनकार कर दिया। ट्रंप ने दोस्त-दोस्त बोलकर जो गद्दारी भारत के साथ दिखाई है, उसका असर हमारी इकोनॉमी पर तो जरूर होगा, लेकिन खुद अमेरिका भी इससे बच नहीं सकेगा।
भारत ने अमेरिका से क्रूड ऑयल की खरीद को बढ़ा कर दोगुना कर दिया था। अब भारत 2, 44 000 बैरल तेल भारत से खरीद रहा है। उसके बावजूद अमेरिका भारत पर रूस से हथियार और तेल सौदे पर दबाव बना रहा है। लेकिन यह नया भारत है। भारत ने झुकने से मना कर दिया। अमेरिका को लगा कि उनका सबसे बड़ा सहयोगी देश यदि पूरी तरह से रूस के पाले में चला गया तो गड़बड़ हो जायेगी। भारत ने भी चेता दिया कि अमेरिका का यही रवैया रहा तो वह ब्रिक्स को पूरी तरह एक्टिव कर देगा। इससे अमेरिकन डॉलर की लंका लग जाएगी। बस क्या था ट्रंप ट्वीट डिलिट कर नौ दो ग्यारह हो गए।
कैसा है दोनों देशों का व्यापार
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर पहुंच गया। उससे पहले यह व्यापार 87.4 अरब डॉलर का था। अमेरिका को दवाईयां, ($8.1 अरब), टेलीकॉम इंस्ट्रूमेंट ($6.5 अरब), कीमती धातु और पत्थर($5.3अरब), पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स ($4.1 अरब), सोना और अन्य कीमती जूलरी ($3.2 अरब), रेडीमेट गार्मेंट्स ($2.8 अरब), आयरन और स्टील ($2.7अरब). बेचता है. वहीं अमेरिका से कच्चा तेल ($4.5 अरब ), पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स ($3.6अरब), कोल और कोक ($3.4 अरब), कट और पॉलिश डायमंड ($2.6 अरब), इलेक्ट्रिक मशीनरी ($1.4 अरब), एयरक्राफ्ट, स्पेसक्राफ्ट पार्ट्स ($1.3 अरब) और सोना ($1.3 अरब) खरीदता है। भारत के दो टूक जवाब से अमेरिका कितना पीछे हटता है आने वाला समय बताएगा।




