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जहाज निर्माण में होगी नौकरियों की भरमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की बड़े पैकेज की घोषणा
जहाज निर्माण क्षेत्र में फिर आएगा बड़ा बूस्ट

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई। भारत के मुंबई, गोवा जो समुद्री जहाजों के निर्माण के क्षेत्र में अहम योगदान निभाते थे खत्म होने के कगार पर पहुंच गए हैं। तत्कालीन सरकारों की बेरूखी के कारण हजारों हेक्टेयर में फैले पोर्ट वीरान हो गए हैं। शिप निर्माण में लगने वाले करोड़ों रोजगार खत्म हो गए। लेकिन एक बार फिर शिप बिल्डिंग क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नौकरियां आने वाली हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिप बिल्डिंग क्षेत्र को बूस्ट देने के लिए आज बड़े पैकेज की घोषणा की है। ( Shipbuilding will generate a lot of jobs, Prime Minister Narendra Modi announced a big package)
प्रधानमंत्री ने जहाज निर्माण क्षेत्र के लिए 70,000 करोड़ रुपए पैकेज की घोषणा की है। प्रधानमंत्री की इस घोषणा से मृतप्राय हो चुके जहाज निर्माण क्षेत्र में फिर रौनक लौटने की उम्मीद है। भारतीय शिपयार्ड कंपनियां जो लगभग बंद हो चुकी है उनमें फिर से जान लौट आएगी। मुंबई और गोवा के बंदरगाहों पर 1980 के दशक की रौनक फिर लौट आएगी। हजारों कटर, वेल्डर, फिटर जैसे कुशल कामगारों को भारत में ही नौकरी उपलब्ध होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शिप बिल्डिंग और समुद्री जहाज की ओनरशिप के मामले में अभी भारत 16वें स्थान पर है। भारत के पास जितनी भी जहाज हैं उनमें से केवल सात फीसदी ही भारत में बनी हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारतीय जहाजों की संख्या में तेजी से कमी आई है। ऐसे में भविष्य के लिहाज से तैयार रहने के लिए ये तीन योजनाएं शुरू की जाएंगी।
मोदी ने कहा कि भारत के नौवहन क्षेत्र को दोषपूर्ण नीतियों के कारण हुए नुकसान का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ऐतिहासिक रूप से एक बहुत ही जीवंत जहाज निर्माण उद्योग रहा है। “भारत के तटीय राज्यों में निर्मित जहाज कभी घरेलू और वैश्विक व्यापार को गति प्रदान करते थे। पचास साल पहले भी, भारत घरेलू स्तर पर निर्मित जहाजों का इस्तेमाल करता था, और उसका 40 प्रतिशत से ज्यादा आयात-निर्यात इन्हीं के जरिए होता था।
प्रधानमंत्री ने कहा 50 साल पहले तक हमारा व्यापार 40 प्रतिशत भारत में बने जहाजों से होता था, लेकिन अब यह घटकर मात्र पांच प्रतिशत रह गया है।” श भारत विदेशी नौवहन कंपनियों को उनकी सेवाओं के लिए हर साल 75 अरब अमेरिकी डॉलर या लगभग 6 लाख करोड़ रुपए का भुगतान करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या लोग कल्पना कर सकते
सात दशकों में दूसरे देशों को माल ढुलाई के रूप में हजारों करोड़ रुपए भारत को नुकसान के तौर पर उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र अब अगली पीढ़ी के सुधारों की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने घोषणा की कि आज से देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों को बहुविधि दस्तावेजों और खंडित प्रक्रियाओं से मुक्ति मिल जाएगी। ‘एक राष्ट्र, एक दस्तावेज’ और ‘एक राष्ट्र, एक बंदरगाह’ प्रक्रिया के कार्यान्वयन से व्यापार-कारोबार और सरल हो जाएगा।उन्होंने कहा कि समुद्री क्षेत्र में कई सुधार शुरू किए गए हैं और पांच समुद्री कानूनों को नए रूप में पेश किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कानून नौवहन और बंदरगाह प्रशासन में बड़े बदलाव करके नौवहन क्षेत्र को मजबूत करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है और अब बड़े जहाजों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिया गया है। मोदी ने कहा कि जहाज निर्माण कंपनियों को अब बैंकों से ऋण प्राप्त करना आसान हो जाएगा और उन्हें कम ब्याज दरों का लाभ मिलेगा।




