मुरजी पटेल ने वापस लिया नामांकन/ लेकिन निर्विरोध नहीं होगा चुनाव
12 निर्दलीय अब भी हैं चुनाव मैदान में

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार मुरजी पटेल ने (Murji Patel withdrew the nomination) अपना नामांकन वापस ले लिया है. महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने मुरजी पटेल का नामांकन वापस लेने का ऐलान किया था. बावनकुले ने स्पष्ट किया कि भाजपा उम्मीदवार मुरजी पटेल निर्दलीय के रूप में भी चुनाव नहीं लड़ेंगे. सोमवार आज नामांकन वापस लेने क अंतिम तारीख थी. शाम पांच बजे तक नामांकन वापस लेना था.
अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव से उम्मीदवारों के नाम वापस लेने के संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं महाराष्ट्र प्रभारी सी. टी रवि की मौजूदगी में भाजपा नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में भाजपा मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार, विधायक अतुल भातखलकर, सांसद गोपाल शेट्टी, अमित साटम, राजहंस सिंह, कृपाशंकर सिंह, चित्रा वाघ सहित भाजपा के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे. इससे पहले रविवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ‘सागर’ बंगले पर आशीष शेलार और मुरजी पटेल के बीच बैठक हुई थी. सूत्रों ने बताया कि आशीष शेलार और मुरजी पटेल इस बैठक में चुनाव लड़ने के लिए दृढ़ थे. उसके बाद आज हुई बैठक में चुनाव से अलग होने का फैसला लिया गया. बावनकुले ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि शिवसेना के ठाकरे धड़े की उम्मीदवार ॠतुजा लटके उपचुनाव जीतेंगी.
रविवार को, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर निर्विरोध चुनाव कराने का अनुरोध किया था. उसके बाद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी कहा था कि उपचुनाव निर्विरोध होना चाहिए. शिंदे समूह के विधायक प्रताप सरनाइक ने भी मुख्यमंत्री शिंदे को पत्र लिखकर उम्मीदवार को उपचुनाव से वापस लेने की मांग की. देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि बीजेपी उम्मीदवार को वापस लेने पर फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा. पार्टी नेताओं के आग्रह के बाद भाजपा प्रत्याशी मुरजी पटेल ने नामांकन वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि वे निर्दलीय तौर पर भी चुनाव नहीं लड़ेंगे.
इसके बाद भी अंधेरी पूर्व सीट पर उपचुनाव होना तय है अंधेरी पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना ठाकरे गुट और भाजपा-शिंदे गुट मुख्य मुकाबले में थे. शिवसेना ठाकरे समूह और भाजपा के अलावा बारह अन्य उम्मीदवार मैदान में हैं. इसमें निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा है. इसलिए, कई लोग स्वतंत्र और अपंजीकृत दलों की भूमिका पर ध्यान दे रहे हैं.




