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झोपडपट्टी वालों के लिए सरकार की बड़ी घोषणा

टूटने के तीन साल बाद भी बेच सकेंगे घर

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
  Big, Announcement For Slum Dwellers :  मुंबई. मुंबई में 40 लाख झोपड़ा धारको के लिए राज्य सरकार ने राहतभरी खबर दी है. एसआरए स्कीम के तहत जिन झोपड़ाधारकों (Slum Dwellers) का घर टूट गया है अब वे झोपड़ा टूटने के तीन साल के भीतर उसे बेच सकते हैं. इसके अलावा वर्ष 2000 से 2011 के बीच बने घरों के लिए 2.5 लाख रुपये शुल्क भरने के बाद उन्हें एसआरए स्कीम में (In SRA Scheme)  घर मिल सकेगा. पहले उन्हें तीन लाख रुपये भरने के बाद घर के पात्र माना जाता था. गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने ट्वीट कर इस फैसले की जानकारी दी है.
जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) के अनुसार राज्य सरकार ने इस संबंध में निर्णय ( Big Announcement)  लेने के लिए तीन सदस्सीय मंत्रियों के समूह का गठन किया था. उस समिति ने विचार विमर्श के बाद यह निर्णय लिया है. तीन सदस्सीय मंत्रियों के समूह में अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik), परिवहन मंत्री अनिल परब ( Anil Parab), शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड (Varsha Gaikwad) शामिल थीं.
मुंबई में लगभग 40 लाख झोपडे़ हैं जिनका पुनर्वास एसआरए स्कीम के तहत किया जाता है.  झोपड़ाधारकों का एसआरए स्कीम में घर टूटने के बाद बिल्ड़र प्रोजेक्ट बंद कर देता है. घर देने की बात तो दूर कुछ अंतराल के बाद एग्रीमेंट के अनुसार तय किया गया किराया देना भी बंद कर देता है. इससे झोपड़ाधारकों को एसआरए कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं. इस निर्णय के बाद तीन वर्ष के भीतर झोपड़ाधारक अपना घर किसी को भी बेच सकते हैं.
एसआरए स्कीम के तहत वर्षों से कई प्रोजेक्ट अधूरे पडे़ हैं तो कुछ प्रोजेक्ट परिशिष्ट आने के बाद भी उनका काम आगे नहीं बढ़ सका है. एसआरए स्कीम में बर्ष 2000 के बाद बने घरों के पात्र होने की भी बड़ी समस्या आती थी. पिछली सरकार ने सन 2000-2011 तक बने घरों को पात्र करने के लिए तीन लाख रुपये शुल्क भरने का प्रावधान किया था जिसे मंत्री समूह ने घटा कर 2.5 लाख रुपये कर दिया है. यही नहीं अब झोपडो़ं की पात्रता तय करने की जिम्मेदारी भी एसआरए को सौंप दिया गया है. गृहनिर्माण विभाग स्लम की अटकी हुई परियोजनाओं को भी गति देने में लगी है.

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