
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
ठाणे. अस्पताल में भर्ती मरीजों को लूटने वाले डॉक्टर आपने बहुत देखे होंगे लेकिन अपना खून देकर मरीजों की जान बचाने वाले डॉक्टर नहीं देखे होंगे. अंबरनाथ और दिवा में बालाजी अस्पताल चलाने वाले डॉ. परमिंदर पांडे अब तक 40 बार अपना खून डोनेट कर मरीजों की जान बचाई है. 52 वर्ष के डॉ. परमिंदर पांडे की चाहत 100 बार ब्लड डोनेट करने की थी, लेकिन वे उम्र की मर्यादा के कारण उसे पूरा नहीं कर सकते.
डॉ. पांडे ने “इनसाइट न्यूज” को बताया कि 60 वर्ष की उम्र के लोगों का खून ब्लड बैंक वाले आसानी से स्वीकार्य नहीं करते हैं. एक बार खून देने के बाद तीन महीने का अंतर रखना पड़ता है. इसलिए अब 8 वर्ष में केवल 35 बार और खून दे पाएंगे. इसलिए 100 बार ब्लड डोनेट की इच्छा अधूरी ही रह जाएगी.
डॉ. पांडे केवल अपना ब्लड डोनेट नहीं करते बल्कि ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए प्रेरित भी करते हैं. अब तक मुंबई, ठाणे, रायगड, नवी मुंबई, पालघर सहित महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में कैंप लगाकर खून दे चुके हैं.गोवा में भी ज्योति राव जी के नेतृत्व में एक कैंप लगाकर ब्लड दे चुके हैं.
डॉ. पांडे ने बताया कि अब ब्लड डोनेशन कैंप की कमान युवा पीढ़ी के हाथों में सौंप रहे हैं.

40वें ब्लड डोनेशन कैंप के एक 20 साल के छात्र स्वप्निल चालके की अगुवाई में आयोजित किया गया था. डॉ. पांडे ने कहा कि हमने सभी ब्लड डोनर्स व उनके रिस्तेदार को कभी ब्लड की आवश्यकता पड़ने पर फ्री ब्लड देने के साथ हमारे दोनों बालाजी अस्पताल में मुफ्त सेवा देने का वादा किया है. डॉ. परमिंदर पांडे का लोग बहुत सम्मान करते हैं. इसलिए उनके जन्मदिन पर आयोजित ब्लड डोनेशन कैंप के समय उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा रहा.