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अन्ना हजारे का ऐलान -ए-जंग

14 फरवरी से राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन

सुपरमार्केट में वाइन बिक्री का विरोध

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
 महाराष्ट्र (Maharashtra) में, 1000 वर्ग फुट से बड़ी दुकानों और सुपरमार्केट ( Shops, Supermarket) में वाइन की बिक्री को लेकर गरमाई सियासत के बाद अब सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने ऐलान-ए जंग का बिगुल बजा दिया है. दिल्ली आंदोलन के 11 साल बाद अन्ना हजारे सुपरमार्केट में वाइन बिक्री की अनुमति दिए जाने से बेहद नाराज हैं. उन्होंने सरकार को यह फैसला वापस नहीं लेने की सूरत में आंदोलन की चेतावनी दी थी. सरकार ने अन्ना की चेतावनी का कोई संज्ञान नहीं लिया. जिसके बाद अन्ना हजारे ने 14 फरवरी से आंदोलन शुरु करने का एलान कर दिया है. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में हजारे ने कहा है कि जीवन में 22 बार आंदोलन किया है. यह मेरा आखिरी आंदोलन है. मेरी मांग है कि सुपरमार्केट में वाइन ब्रिक्री का आदेश वापस लें.
राज्य की किराना दुकानों और सुपरमार्केट में वाइन बेचने की अनुमतिका बीजेपी (BJP) राज्य की उद्धव सरकार (Uddhav Thackeray Government) पर लगातार हमलावर है. जबकि  सत्ताधारी पार्टी के नेता बीजेपी को मध्यप्रदेश, गोवा  में इस प्रकार की अनुमति दिए जाने का आइना दिखाते हुए पलटवार कर रहे हैं. संजय राउत ने महाराष्ट्र में सुपरमार्केट और वॉक-इन स्टोर में शराब की बिक्री की अनुमति देने के सरकार के फैसले पर कहा था कि फडणवीस सरकार ने ऑनलाइन शराब की होम डिलीवरी देने की नीति बनाने की योजना बनाई थी.
लोकपाल विधेयक को लेकर हजारे ने किया था आंदोलन
5 अप्रैल 2011 को एक सशक्त लोकपाल विधेयक के निर्माण की मांग पर सरकारी निष्क्रियता के प्रतिरोध में अन्ना हजारे ने आमरण अनशन शुरु कर दिया था.  भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी इस मुहिम में अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, प्रशांत भूषण, बाबा रामदेव,कुमार विश्वास एवं अनेक प्रसिद्ध समाजसेवी शामिल थे. यह आंदोलन पूरी दुनिया में अपना ध्यान खींचा था. आंदोलन खत्म होने के कुछ महीने बाद आम आदमी पार्टी का राजनीतिक क्षितिज पर उदय हुआ था जिसने दो बार दिल्ली में अपनी सरकार बनाई है. इससे पहले महाराष्ट्र में अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए गए आंदोलन के कारण कांग्रेस और राकांपा सरकार के चार मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. हजारे एक बार फिर आंदोलन करने जा रहे हैं.फिलहाल अन्ना हजारे 85 वर्ष के हो चुके हैं. उनका आंदोलन क्या रुप लेता है यह तो 14 फरवरी के बाद में पता चलेगा.

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