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वाराणसी में ईवीएम को लेकर बवाल

धर्मेंद्र प्रधान बोले, हार के ड़र से अखिलेश बौखलाये

आईएनएस न्यूज नेटवर्क

UP Election2022: लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधानसभा सभा चुनाव की 10 मार्च को होने वाली मतगणना से पहले वाराणसी में बवाल मचा हुआ है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ईवीएम बदले जाने की संभावना जताई थी. सपा कार्यकर्ताओं ने ट्रेनिंग के लिए खाली ईवीएम के वाहन को रोक कर बवाल किया था. इस बीच  केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अगुआई में बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा. इस दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, चुनाव में हार के डर से अखिलेश यादव आपा खो रहे हैं और हताशा दिखा रहे हैं.

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, उन्होंने संविधानिक प्रक्रिया और अधिकारियों को चुनौती देने की कोशिश की. अखिलेश यादव जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह धमकी की तरह है जो कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए खतरनाक है.

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, सभी को सच पता है किवाराणसी में क्या हुआ था. ईवीएम सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर के बाद स्ट्रॉंग रूम में रखी गई हैं. ईवीएम की निगरानी सीसीटीवी से हो रही है. चुनाव आयोग किसी भी मुद्दे पर संज्ञान लेने के लिए स्वतंत्र है.यूपी में ईवीएम को लेकर मचा बवाल
नतीजों से पहले यूपी में ईवीएम को लेकर हंगामा मच गया है. वाराणसी सहित कई जगह विपक्ष ने ईवीएम बदलने के आरोप लगाए. उधर ईवीएम को बदलने को लेकर अखिलेश यादव ने काफी गंभीर सवाल उठाए. साथ ही उन्होंने ईवीएम की रखवाली के लिए कार्यकर्ताओं से कहा कि वे लगातार मतगणना स्थल पर बने रहें और निगरानी करते रहें. अखिलेश के इस आदेश के बाद समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल के लोगों ने भी मतगणना स्थलों पर डेरा डाल दिया और दिन के साथ साथ रात मे निगरानी करने लगे.

नोडल प्रभारी नलिनीकांत सिंह हटाए गए

मंगलवार की देर रात यहां जिला प्रशासन की ओर से हुई लापरवाही,विवाद और झड़प के बाद आखिरकार वाराणसी में ईवीएम के नोडल प्रभारी नलिनीकांत सिंह को हटा दिया गया है. अब संजय कुमार अपर जिलाधिकारी को नया ईवीएम नोडल प्रभारी बनाया गया है. वहीं नलिनी कांतसिंह को सभी प्रकार के चुनावी दायित्‍वों से लापरवाही की वजह से मुक्‍त कर दिया गया है.
इस बाबत बुधवार को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की ओर से एक पत्र जारी कर विभागीय कार्रवाई की जानकारी दी गई है. पत्र में नलिनीकांत सिंह को दायित्‍वों से हटाने के साथ ही उनको मतगणना स्‍थल से पृथक करने के साथ ही निर्वाचन और मतगणना संबंधी स्‍थलों पर भी न रहने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया है. नलिनीकांत सिंह पर आरोप है कि  दिनांक 8 मार्च को इनके द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी तथा राजनीतिक दलों को ईवीएम का मूवमेंट प्लान शेयर किए बिना ही ईवीएम वेयरहाउस से 20 ईवीएम प्रशिक्षण स्थल उदय प्रताप कॉलेज भेजी गई..
सभी प्रशिक्षण मशीनें राजनीतिक दलों को मूवमेंट प्लान शेयर करने के उपरांत दिनांक 9 मार्च को सुबह भेजी जानी थी. इनकी इस लापरवाही की वजह से वाराणसी के प्रत्याशियों में बहुत बड़ी भ्रम की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई. जिसे नियंत्रित करने में जनपद की छवि भी गंभीर रूप से धूमिल हुई है.

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