मुंबई में लांच हुआ क्लाईमेट एक्शन प्लान
निरोगी जीवन के लिए अच्छा वातारण भी जरुरी: मुख्यमंत्री

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई बढ़ते तापमान और ग्लोबल वार्मिंग को लेकर बीएमसी सतर्क हो गई है. मुंबई क्लाइमेट एक्शन प्लान रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लांच किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिग और जलवायु परिवर्तन समस्या का मूल कारण बन गया है. एक महीना पहले ठंड महसूस हो रहा था अचानक तापमान बढ़ कर 38 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि मुंबई में बढ़ती जनसंख्या के कारण बस्तियां बढ़ रही हैं. सुविधाएं कम पड़ रही है. मुंबई में सुविधा देते समय कहां क्या देना है यह भी देखने पड़ता है. हमेशा दौड़ने वाली मुंबई को 24×7 पानी चाहिए. किया. मुंबई सहित महाराष्ट्र को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के लिए कई उपाय योजनाओं पर काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सबका साथ सबका विकास जल्दबाजी में नहीं होना चाहिए. पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना दीर्घकालीन विकास किया जाना चाहिए. मुंबई में कांक्रीट का जंगल बढ़ रहा है. पर्यावरण की रक्षा के साथ मुंबई का विकास किया जाएगा. निरोगी जीवन के लिए अच्छा वातावरण भी चाहिए.
पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के 43 शहरों में क्लाइमेट एक्शन प्लान की शुरुआत की गई है. कम जनसंख्या के बावजूद जर्मनी और फ्रांस ने क्लाइमेट एक्शन प्लान शुरु किया है तो महाराष्ट्र के एक शहर में ही उतनी जनसंख्या है. इसलिए हमने सभी रिसोर्स का उपयोग कर क्लाइमेट एक्शन प्लान लांच किया है. तापमान में वृद्धि,साइक्लोन में वृद्धि, बरसात अधिक हो रही है, यह जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है. बीएमसी की तरफ से तैयार किए गए ग्रीन कांक्रीट प्लान में कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी. जो सपोर्ट लगेगा हम उसे देंगे. क्लाईमेट एक्शन प्लान को मुख्यतः 6 भागों में बांट गया है. इसके 24 सब सेक्टर बनाये गये है.
बीएमसी कमिश्नर ने कहा कि मुंबई में 40 हजार करोड़ रुपए की विकास योजनाएं शुरु हैं. सभी पर्यावरण को ध्यान में रख कर किया जा रहा है.
बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त संजीव कुमार ने बताया कि मुंबई में तैयार हो रहे, कार्बनडाई ऑक्साइड में रिहायशी सोसायटियों का हिस्सा 35 प्रतिशत और कमर्शियल इमारतों का हिस्सा 27 प्रतिशत है. पिछले दो वर्ष में 24 करोड़ टन का उत्सर्जन हुआ है. भविष्य की पीढ़ी को छोड़ दें तो इसी पीढ़ी को अगले दो दशक में 65 करोड़ टन का उत्सर्जन का सामना करना पड़ेगा जो मानव जीवन के लिए बहुत हानिकारक होगा. मुंबई को ‘सी 40’ नामक विश्व स्तरीय पर्यावरण संस्था के साथ मुंबई को जोड़ा गया है.