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AIMIM की गुगली में उलझी भाजपा -शिवसेना

मुख्यमंत्री का भाजपा को जवाब, हमने भाजपा छोड़ी है, हिंदुत्व नहीं

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
 मुंबई. महाराष्ट्र की राजनीति में हिंदू वोटों को लेकर इस समय राजनीतिक युद्ध छिड़ा हुआ है. एमआईएम सांसद इम्तियाज जलील की राकां नेता राजेश टोपे से मुलाकात के बाद जलील ने बयान दिया था कि महाराष्ट्र में भाजपा को हराने के लिए हम मविआ से गठबंधन को तैयार हैं. एमआईएम की इस एक गुगली से महाराष्ट्र की सभी पार्टियों में जोरदार खींचतान शुरु हो गई है. भाजपा ने आरोप लगाया कि शिवसेना अब ‘जनाब शिवसेना’ बन गई है. इस पर अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि
हमने भाजपा छोड़ी है. हिंदुत्व नहीं. शिवसेना का एमआईएम के साथ गठबंधन कभी संभव नहीं है. ठाकरे ने कहा कि एमआईएम ने हमारे साथ गठबंधन का मुद्दा कैसे उठाया? यह सब बीजेपी की साजिश है. कुछ दिन पहले आरएसएस ने मुस्लिम बहुल इलाकों में संघ की शाखाएं शुरू करने का फैसला किया. तो हम RSS को मुस्लिम संघ क्यों न कहें? क्या आप मोहन भागवत को खान बुलाना चाहते हैं.
ठाकरे ने बोला भाजपा पर हमला
ठाकरे ने कहा कि बीजेपी का हिंदुत्व सिर्फ राजनीति के लिए है. क्या आप भूल गए कि महबूबा मुफ्ती के साथ सत्ता के लिए कौन गया था. उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों से कहा कि यह भी कहा कि सरकार को दाऊद से जोड़कर विपक्ष की खुरापात को पहचानना होगा. बीजेपी का हिंदुत्व राजनीति के लिए है. हमारा हिंदुत्व देश हित में है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी को सीटें गंवानी पड़ी हैं. इसे अनदेखा न करें. विपक्ष की बुराइयों को पहचानना सीखें. अपने विरोधियों को हराएं. राज्य में एक के बाद एक घटना हो रही है. लोगों को महाविकास अघाड़ी के निर्णयों के बारे में बताएं. उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब समय आ गया है कि विपक्ष को निश्चित जवाब देने की कोशिश करें. हम भी घर से निकल रहे हैं. उन्हें करारा जवाब मिलेगा.
जलील ने शिवसेना को फिर चिढ़ाया
 एमआईएम के ऑफर से कांग्रेस ने भी अपना
 हाथ झटक लिया है. लेकिन एमआईएम के साथ बातचीत करने वाली राकां भी बैकफुट पर आ गई है. शिवसेना के तेवर देखते हुए राकां अध्यक्ष शरद पवार को आगे आकर कहना पड़ा कि एमआईएम से गठबंधन का सवाल ही नहीं पैदा होता. एमआईएम के नेता भाजपा के इशारे पर ऐसा बयान दे रहे हैं. महाराष्ट्र में मचे घमासान के बीच इम्तियाज जलील ने आज फिर कहा कि वे गठबंधन के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मुलाकात करेंगे. जलील ने यह बयान देकर शिवसेना को फिर चिढ़ा दिया है.
 शिवसेना से हिंदुत्व की पहचान छीन लेगी भाजपा?
दरअसल शिवसेना की राजनीति ही हिंदू वोटरों पर आधारित है. शिवसेना की पहचान ही हिंदुत्व से है. कांग्रेस- राकां के साथ महाविकास आघाड़ी सरकार बनाने के बाद भाजपा पहले से ही आक्रामक रही है. एमआईएम नेता के एक बयान ने भाजपा को शिवसेना को घेरने का एक और मुद्दा मिल गया है. भाजपा इस मुद्दे को उछाल कर हिंदू मतदाताओं को शिवसेना से दूर करना चाहती है. आघाड़ी के साथ सरकार बनाने पर कट्टर शिवसैनिक पहले ही नाराजगी थी. यदि एमआईएम को भी गठबंधन में शामिल कर लिया गया तो शिवसेना की छवि को बड़ा झटका लग सकता है. शिवसेना के हिंदुत्व की पहचान को छिन्न भिन्न करना चाहती है. वह दिखाना चाहती है कि हिंदू समाज की वही रक्षक है. भाजपा की इस राजनीति को भांप कर मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि हिंदुत्व का मुद्दा शिवसेना कभी नहीं छोड़ेगी.

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