
पांच साल की प्रमेया कांकेर अपने पिता के साथ कोकम पेड़ लगा कर अप्रैल कूल मनाया
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मार्च महीने की तपिश ने बता दिया कि आने वाले समय में दुनियां कीतने संकटों में घिर रही है. जंगलों की अधाधुंध कटाई से जो नुकसान उठाना पड़ रहा है अभी हम आप उसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते. पिछले एक दशक में पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचा कर हम सभी अप्रैल फूल (No April fool) बन चुके हैं. अप्रैल कूल की तैयारी ( Prepare for ‘April Cool’ or else) अभी नहीं किए बहुत पछताना पड़ेगा. यह इस लिए कि सर्दी का मौसम खत्म होने के साथ मार्च की बसंत ऋतु में मौसम सुहाना रहता था. लेकिन उसी मार्च में पारा 40 डिग्री तक पहुंच गया है.
दुनिया में 1.5 डिग्री बढ़ा तापमान
वैशविक स्तर पर देखें तो तापमान में 1.5 फीसदी की वृद्धि हुई है. मुंबई की बात करें तो यहां पिछले तीन दशक में सबसे ज्यादा तापमान में बढ़ोत्तरी हुई है. पूर्व और पश्चिम एक्सप्रेस हाइवे के पास के इलाके हों या जोगेश्वरी विक्रोली लिंक रोड, धारावी में बढ़ते तापमान की वजह से लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
मुंबई में पर्यावरण को बचाने के लिए बड़े स्तर पर मुंबई क्लाईमेट एक्शन प्लान पर काम किया जा रहा है. पौध रोपण का काम जोरों पर है. पर्यावरणविद सुभोजित मुखर्जी ( Shubhojit Mukharji) कि कहना है कि हमें अप्रैल फूल मनाने की जगह “अप्रैल कूल” पर ध्यान देना होगा वरना एक समय ऐसा आयेगा कि हमारी आने वाली पीढ़ियां हमें कोसेंगी. हम अपने आस पास पेड़ लगाकर ग्रीन पावर को बढ़ा सकते हैं.
अप्रैल फूल को अवसर में बदले
मुखर्जी ने कहा कि हम देश के सभी नागरिकों को एक अप्रैल के दिन पेड़ लगा कर अप्रैल कूल मनाने का आवाहन करते हैं. इसे हमें अवसर में बदलना होगा जिससे पर्यावरण की रक्षा के लिए कम हो भूजल को बढ़ा सकें. मुखर्जी ने कहा कि 1 अप्रैल को हम 200 नागरिक एक साथ बोरीवली पश्चिम में पौधरोपण कर अप्रैल कूल मनाने जा रहे हैं. खासकर बनयान पेड़ लागाये जाएंगे जो पक्षियों को आकर्षित करता है. उन्होंने कहा कि जो इस अभियान से जुड़ना चाहते हैं या उन्हें मदद की जरुरत है, हम उन्हें सहयोग देने के लिए हमेशा तैयार हैं.




