
नवभारत न्यूज नेटवर्क
मुंबई. भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Naraysn rane) के जुहू स्थित ‘अधीश’ (Adheesh’ bungalow demolition notice withdrawn) बंगले को तोड़ने के लिए जारी की गई नोटिस को राज्य सरकार ने वापस ले लिया है. राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने आज हाईकोर्ट में नोटिस वापस लेने की जानकारी दी.
गौरतलब हो कि बीएमसी के अलावा जिलाधिकारी ने भी बंगले में किए गए अवैध निर्माण को तोड़ने की नोटिस जारी की थी. लेकिन आज राज्य सरकार अपने निर्णय से पलटते हुए नोटिस वापस ले लिया. बीएमसी ने दो बार नोटिस भेजा था.इस नोटिस के खिलाफ राणे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. बुधवार को याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता ने आशुतोष कुंभकोणी ने बीएमसी और उपनगर जिलाधिकारी की तरफ से दी गई नोटिस को वापस लेने की जानकारी दी. बंगले को तोड़ने की नोटिस देने वाली महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार राणे के सामने नतमस्तक हो गई .
हाईकोर्ट ने पहले ही तीन सप्ताह तक बंगले को नहीं तोड़ने का आदेश दिया था. केंद्रीय मंत्री ने अपनी याचिका में नोटिस बंगले को तोड़ने की नोटिस वापस लेने की मांग की थी. बीएमसी ने सॉलिसिटर जनरल के जरिए कहा कि वे अपना नोटिस वापस ले रहे हैं. बीएमसी की नोटिस में बंगले में अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए 8 दिन का समय बुधवार 30 मार्च को समाप्त हो रहा है.
22 मार्च 2022 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने बीएमसी से कहा था कि राणे की याचिका पर निर्णय लेने का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया था, साथ ही तीन सप्ताह बंगले पर कोई कार्रवाई नहीं करने का भी निर्देश दिया था. नोटिस वापस लेने से अब बंगले में हुए अवैध निर्माण को नियमित करने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी.
कोर्ट में सुनवाई शुरु होने से पहले उपनगर जिलाधिकारी की तरफ से दिया गया नोटिस भी वापस ले लिया गया. उपविभागीय अधिकारी मुंबई पश्चिम उपनगर उमेश बिरारी ने नारायण राणे की कंपनी प्रापर्टीज प्रा.लि. को पत्र भेज कर कहा है कि अधीश बंगले को तोड़ने के लिए दी गई नोटिस को स्थगित किया जाता है.