समुद्र में ही दफन हो जाएंगी चीनी पनडुब्बियां
भारत अमेरिका से खरीदने जा रहा घातक हथियार

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
दिल्ली. चीन के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत अपनी सुरक्षा को बेहद चाक चौबंद करने जा रहा है. सीमा पर भारत की इतनी तैनाती है कि चीन की गुस्ताखियों का आंख में आंख मिला कर जवाब दे सकता है. समुद्र में अभी भारत वार शिप और पनडुब्बियों के मामले में पीछे है. चीन के पास 60 पनडुब्बियां हैं वहीं भारत के पास केवल 18 सबमरीन हैं. लेकिन चीन की पनडुब्बियों को खोज कर समुद्र में ही दफन करने के लिए भारत के पास अमेरिका से खरीदे गए एंटी सबमरीन पी-8 आई विमान हैं. इन विमानों को अब बेहद खतरनाक टॉरपीडो से लैस करने के लिए भारत ने अमेरिका के साथ करार किया है. इन तारपीडो के लगते ही चीनी पनडुब्बियों को पल भर में जलसमाधि दी जा सकती है.
भारतीय नौसेना (Indian Navy) के पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान (Anti-Submarine Plane) पी-8आई को और घातक बनाया जाएगा. इसके लिए 423 करोड़ रुपये की लागत से एमके 54 टॉरपीडो की खरीद की जाएगी. साथ ही चाफ और फ्लेयर्स जैसे एक्सपेंडेबल भी खरीदे जाएंगे. इसके लिए अमेरिका की सरकार के साथ करार किया गया है.
केंद्र सरकार के मंत्रालय प्रवक्ता के अनुसार ‘रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए 423 करोड़ रुपये की लागत पर एमके 54 टॉरपीडो और एक्सपेंडेबल (चाफ तथा फ्लेयर्स) की खरीद के लिए विदेश सैन्य बिक्री (FMS) के तहत अमेरिका की सरकार के साथ करार पर हस्ताक्षर किए हैं.’ उन्होंने कहा कि ये उपकरण पी-8आई विमान के साजो-सामान हैं.
नौसेना के पास 11 पी-8आई विमान
भारतीय नौसेना (Indian Navy) के बेड़े में कुल 11 पी-8आई विमान (P-8I Plane) हैं. इन विमानों का उत्पादन अमेरिकी वैमानिकी कंपनी बोइंग ने किया है. पी-8आई विमान को इसकी पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताओं के साथ ही आधुनिक समुद्री टोही क्षमताओं के लिए भी जाना जाता है. इंडो-पैसिफिक एरिया में चीनी पनडुब्बियों से बढ़ रही चुनौती से निपटने के लिए इस सौदे को खासा अहम माना जा रहा है.




