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बेस्ट हड़ताल से परेशान हुए यात्री

बेस्ट स्टाप पर लगी लंबी कतारें

एसटी की राह पर बीईएसटी
 आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई में बेस्ट बस ड्राइवरों (Best strike )की गुरुवार शुरु हुई हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही. बेस्ट के ठेका ड्राइवरों सुबह बेस्ट के चार डेपो तो पहुंचे लेकिन बस चलाने से इनकार कर दिया. बेस्ट हड़ताल का असर रोज बेस्ट से सफर करने वाले यात्रियों पर पड़ा. बस स्टाप पर लंबे कतारें लग गईं. यात्री काम पर जाने के लिए परेशान (Passengers upset due to BEST strike) दिखे. छः महीने बाद एसटी की हड़ताल खत्म हुई है, अब बेस्ट भी उसी राह पर चल पड़ी है.
चार डेपो तक तक पहुंची हड़ताल
बेस्ट में ठेका पर बस चलाने वाले ड्राइवरों ने वेतन नहीं दिए जाने के विरोध में हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है. बेस्ट के वडाला, कुर्ला, बांद्रा, विक्रोली, मुलुंड और कुलाबा की लगभग 300 बसें डेपो से नहीं निकल सकीं. तीन पारी में मिलाकर कुल 2 हजार से अधिक ड्राइवर रोज बेस्ट की बसें चलाते हैं. शुक्रवार को कुलाबा डेपो से कुछ बसें ही निकल सकीं.
जारी रहेगी हड़ताल
 बेस्ट प्रशासन का कहना है कि वह बेस्ट के विभिन्न डेपो से अपनी 86 बसों को यात्रियों को ढ़ोने के लिए बढ़ा दी हैं. लेकिन 500 बसों के अनुपात में बेस्ट 86 बसें उंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है. हड़ताल खत्म कराने के लिए बेस्ट प्रशासन कोई कठोर कदम नहीं उठा रहा है. बेस्ट प्रशासन की तरफ आज बताया गया कि वह एम पी ग्रुप पर शर्तों को भंग करने के लिए कठोर कार्रवाई करने जा रहा है. एमपी ग्रुप का ठेका समाप्त किए जाने की कार्रवाई की जा सकती है.
इसके लिए पूर्व कमिश्नर जिम्मेदार
 बेस्ट समिति के सदस्य रहे सुनील गणाचार्य ने इस हड़ताल के लिए पूर्व बीएमसी कमिश्नर अजोय मेहता और और बेस्ट के पूर्व महाप्रबंधक सुरेंद्र बागडे को जिम्मेदार बताया. गणाचार्य ने कहा कि हम पहले से ही ठेका पद्धति का विरोध कर रहे थे. लेकिन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके मंत्री पुत्र आदित्य ठाकरे को गुमराह कर निजीकरण की राह पर ले गए. शिवसेना के दोनों नेता भविष्य की परेशानी को समझे बिना उनकी बात मान ली. बेस्ट को ठेकेदारों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए. नोटिस देकर कांट्रेक्ट रद्द करना चाहिए. ठेकेदार ने बेस्ट का नाम खराब किया है. बेस्ट यात्रियों को परेशानी में डाला गया. बेस्ट के कंडक्टर, ड्राइवर बसों को अपना समझ कर चलाते हैं.

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