कोर्ट से नहीं मिली राहत, गणेश नाईक की गिरफ्तारी तय
लिव-इन रिलेशनशिप का मामला

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
नवी मुंबई. एक महिला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के मामले में पूर्व मंत्री व बीजेपी विधायक गणेश नाईक बुरी तरह घिर गए हैं. नाईक (Ganesh Naik anticipatory bail plea dismissed by court) की अग्रिम जमानत याचिका ठाणे सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी है. याचिका खारिज होने के बाद उनकी की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है.
नाईक पर आरोप है कि उन्होंने लिव इन रिलेशन में रहने वाली महिला का यौन शोषण किया और जब महिला ने अपने बच्चे के लिए नाईक की संपत्ति में अधिकार मांगा तो उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी. पीड़ित महिला ने नाईक के खिलाफ नेरुल पुलिस स्टेशन के अलावा बेलापुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी. दोनों ही मामलों में नाईक की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है.
दीपा चव्हाण ने नेरुल पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत देकर गणेश नाइक पर गंभीर आरोप लगाए थे. महिला की शिकायत का जब पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया तो वह राज्य महिला आयोग के अलावा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई. राज्य महिला आयोग के पत्र पर हरकत में आई पुलिस ने नाईक पर बलात्कार सहित विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज किया है.
दीपा चव्हाण के अनुसार वह साल 1993 से गणेश नाइक के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही हैं और उनका 15 साल का एक लड़का भी है. महिला का कहना है कि जब उसने अपने बच्चे के भविष्य को लेकर नाईक से बच्चे को अपना नाम देने संपत्ति में अधिकार देने की मांग की तो नाईक जान से मारने की धमकी देने लगे. महिला को ड़र है कि नाईक अपने रसूख का इस्तेमाल कर उसकी व बच्चे की हत्या करा सकते हैं. दीपा ने कोर्ट में डीएनए टेस्ट की मांग की थी जिसके लिए नाईक भी तैयार हो गए हैं. हालांकि इन सबके बाद भी कोर्ट ने नाईक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. माना जा रहा है कि नाईक को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है.