
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. देश के अनेक राज्यों में गर्मी कहर बरपा रही है. आसमान से बरसते आग के गोले और तेज हवाओं के साथ लू से लोग परेशान हो गए हैं. इतना ही उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में गर्मी ने 122 साल का रिकॉर्ड टूट (Summer broke the record of 122 years) गया है. इन क्षेत्रों में अप्रैल महीने में वर्ष 1900 के बाद सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया है. मौसम विभाग की तरफ से बताया गया है कि मई महीने में तापमान और भी अधिक रहने वाला है. यह सुनकर ही लोग घबराने लगे हैं.
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में तापमान और भी बढ़ने की संभावना है जबकि देश के अन्य हिस्सों में तापमान मार्च अप्रैल जितना रहने की उम्मीद है. मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्व और इशान्य भारत में तापमान अधिक बना रहेगा. दक्षिण भारत और दक्षिण पश्चिम भारत ( वायव्य) में सामान्य अथवा सामान्य से अधिक तापमान रहेगा. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि मई महीने में गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मीर, लद्दाख में लू चलती रहेगी.
महापात्रा के अनुसार 1900 के बाद अप्रैल महीना भारत का चौथा सबसे हॉट महीना था. उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में अप्रैल महीने ने 122 साल की गर्मी का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 1 अप्रैल से 28 अप्रैल तक इन दोनों क्षेत्रों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया. अप्रैल महीने की आखिरी तारीख को पारा 45 डिग्री सेल्सियस से उपर रहा. आईएमडी के अनुसार जब तापमान सामान्य तापमान से 6.4 डिग्री अधिक रहता है तो भयंकर लू घोषित किया जाता है. फिलहाल उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में तापमान 42 डिग्री के उपर बना हुआ है. शनिवार को देश का सबसे गर्म स्थान बुंदेलखंड रहा जहां तापमान 46 डिग्री से उपर दर्ज किया गया. आईएमडी ने इन इलाकों के लिए चेतावनी जारी की है.
महापात्रा ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण भी महीने के मध्य से बादल आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि अप्रैल में पांच वेस्टर्न डिस्टर्बेंस तैयार हुए थे लेकिन कोई उतना मजबूत नहीं था. जिस कारण से बरसात नहीं हुई. मई महीने में मध्य और पूर्वी भाग में अनुमान से अधिक बरसात हो सकती है. आईएमडी ने कहा है कि मई के आखिर में केरल में मानसून प्रवेश करने की उम्मीद है.