बीडीडी चाल में पुलिस कर्मियों को 50 लाख में घर
जितेंद्र आव्हाड की घोषणा से आघाड़ी में फिर दिखी दरार

इस ऐलान से शिवसेना नेताओं में भारी नाराजगी
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई. मुंबई के बीडीडी चालों में पुलिस कर्मियों को मुफ्त में घर नहीं दिए जाने की घोषणा से शिवसेना युवा नेता और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) मुश्किल में फंस गए हैं. गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड (Housing minister Jitendra Awhad) ने (No free home for police family in bdd chals) पुलिस कर्मियों के लिए बीडीडी चालों में 2250 फ्लैट देने का ऐलान किया है. आव्हाड ने कहा कि पुलिस कर्मियों को यह फ्लैट 50 लाख रुपए में दिया जाएगा. शिवसेना नेताओं को विश्वास में लिए बिना आव्हाड की इस घोषणा से आघाड़ी में एक बार फिर दरार दिखाई दी है. इससे शिवसेना नेता बहुत नाराज़ बताए जा रहे हैं.
मुंबई के बीडीडी चालों का पुनर्विकास किया जा रहा है. बुधवार को इसी मुद्दे पर बैठक बुलाई गई थी. जिसके बाद आव्हाड ने ट्वीट कर कहा कि बीडीडी चाल में पुलिस कर्मियों को 2250 घर दिए जाएंगे. लेकिन उन्हें इन घरों की कीमत 50 लाख रुपए चुकानी होगी. पुलिस कर्मियों को मुफ्त में घर नहीं दिया जा सकता. आव्हाड ने कहा कि पुलिस कर्मियों मिल मजदूरों की तरह यह घर मुफ्त में नहीं दिया जा सकता. आव्हाड ने कहा कि घरों के निर्माण की लागत 1 करोड़ 15 लाख रुपए आ रही है. मानवता की दृष्टि से उन्हें यह घर 50 लाख रुपए में दिया जाएगा.
आव्हाड ने कहा कि बीडीडी चाल में सभी फ्लैट 500 वर्ग फुट के बन रहे है. वह मूल रूप से पुलिस क्वार्टर हैं. इस पर पुलिस कर्मियों का कोई अधिकार नहीं है. यदि उन्हें घर नहीं दिया जाता है तो पुलिस को मुंबई में रहने के लिए क्वार्टर नहीं मिलेंगे. यह कोई रणनीतिक फैसला नहीं है. यह निर्णय केवल वर्ली के लिए किया गया है.
मुख्यमंत्री लगा सकते हैं रोक
हालांकि जितेंद्र आव्हाड की इस घोषणा राज्य सरकार में मतभेद उभर कर सामने आ गया है. मकानों के लिए 50 लाख रुपए वसूले जाने से शिवसेना नाराज है. वर्ली बीडीडी चाल शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के निर्वाचन क्षेत्र में पड़ता है बताया जाता है कि पुलिस परिवार 50 लाख रुपये की कीमत तय किए जाने बेहद नाराज़ हैं. आदित्य ठाकरे के विधानसभा क्षेत्र वर्ली में 2250 पुलिस कर्मियों के परिवारों की नाराजगी आदित्य ठाकरे को भारी पड़ सकती है. चुनाव में शिवसेना को तगड़ा झटका लग सकता है इसलिए शिवसेना नेता आव्हाड के इस एक तरफ फैसले को पचा नहीं पा रहे हैं. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आव्हाड के इस फैसले पर रोक लगा सकते हैं. इससे पहले भी म्हाडा में निर्णय को लेकर आव्हाड और शिवसेना नेता आमने-सामने आ चुके हैं.




