
आईएनएस न्यूज नेटवर्क
मुंबई.अनिल परब (Anil parab)हमारे सहयोगी हैं. कैबिनेट मंत्री हैं. वे कट्टर शिवसैनिक हैं. केंद सरकार राजनीति प्रतिशोध के कारण यह कार्रवाई कर रही है. अनिल परब पर ईडी (ED)की छापेमारी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut)ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध के साथ पिछले कुछ दिनों से इस तरह की कार्रवाई हो रही है. ईडी सूत्रों का कहना है कि अनिल परब के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए हैं. उन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
राउत ने कहा कि विक्रांत घोटाला सबसे बड़ा घोटाला है लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. राउत ने कहा कि हम भी देख लेंगे.राउत ने कहा कि ईडी ने अनिल परब और हमारे अन्य साथियों पर जिस तरह के आरोप लगाए हैं. उससे अधिक गंभीर अपराध भाजपा के नेताओं खिलाफ हैं. लेकिन उन्हें कोई नहीं छूता नहीं है. हम सभी दल और सरकार अनिल परब के साथ मजबूती से खड़े हैं.
दापोली रत्नागिरी में साई रिसोर्ट एन एक्स एंड सी को 31 जनवरी 2022 को भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गिराने का आदेश दिया गया था. 90 दिनों में रिसॉर्ट मालिक या प्रशासन इन दोनों को रिसोर्ट तोड़ना था, लेकिन 90 दिन बीत चुके हैं और रिसॉर्ट को अभी तक तोड़ा नहीं गया है. इस संबंध में अब परिवहन मंत्री अनिल परब के खिलाफ नया मामला दर्ज किया गया है. ईडी ने अनिल परब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है. कई मामलों में परब की जांच चल रही है. सचिन वजे ने कहा था कि अनिल देशमुख और अनिल परब को पुलिस तबादलों में भुगतान किया था. इसने अनिल परब को मुश्किल में डाल दिया है. लेकिन शिवसेना नेताओं ने आरोप लगाया है कि नगर निगम चुनाव की पृष्ठभूमि में कार्रवाई की जा रही है. परब ने पुणे के विभास साठे से 1 करोड़ 10 लाख रुपए में रिसोर्ट को खरीदा था. इसे लेते समय आधिकारिक तौर पर 1 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. लेकिन निर्माण पर 7 से 8 करोड़ रुपए खर्च किए गए. लेकिन दस्तावेजों में केवल 1 करोड़ रुपए का लेन-देन दिखाया गया है.
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार बोले पारदर्शी हो कार्रवाई
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अनिल परब के विभिन्न ठिकानों पर पड़े छापे पर कहा कि केंद्रीय एजेंसियों की यह कार्रवाई पारदर्शी होनी चाहिए. जानबूझकर किसी को टार्गेट नहीं किया जाना चाहिए.




