राज्य सभा चुनाव, वोट के बदले प्रोजेक्ट की फाइल लेकर घूम रहे विधायक
विधान परिषद के लिए भी भाजपा ने बढ़ाया टेंशन

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
RajyaSabha elections: मुंबई. राज्य सभा चुनाव के लिए भाजपा ने तीसरा उम्मीदवार खड़ा कर आघाड़ी दलों का प्रेशर बढ़ा दिया है. छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों की समर्थन के बदले डिमांड भी कोई रुपये पैसे की नहीं बल्कि करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट (MLAs roaming around with project files in exchange for votes) पास कराने की है. कई विधायक अपने प्रोजेक्ट की फाइल लेकर मुख्यमंत्री (Chief minister) से पास करने की गुहार लगा रहे हैं. ऐसे विधायकों की लिस्ट बहुत लंबी है.
राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि दो विधायकों वाली एक पार्टी के विधायक जो आघाड़ी सरकार बनने के बाद से ही अपने विधानसभा क्षेत्र में एक प्रोजेक्ट पास कराने का प्रयास कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट की कीमत 280 करोड़ रुपए है. अब तक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस विधायक की फाइल को नजरंदाज करते रहे हैं. विधायक पहले तो सरकार से नाराजगी जताते रहे कि महाविकास आघाड़ी को समर्थन देने के बाद भी उनकी कोई मांग नहीं मानी जा रही है. शिवसेना और भाजपा को सांप्रदायिक बताने वाली इस पार्टी ने अब रांका अध्यक्ष शरद पवार के नाम पर शिवसेना को वोट देने को तैयार हो गए हैं. यह भी कहा गया कि उनके पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है क्योंकि वे भाजपा उम्मीदवार को वोट नहीं दे सकते.
ब्लैकमेल की कोशिश
सूत्रों के अनुसार ऐसे कई निर्दलीय विधायक हैं जो अब तक अपनी फाइल लिए शिवसेना नेताओं के आगे पीछे घूमते थे उन्हें भाव नहीं दिया जा रहा था. राज्यसभा चुनाव का मौका साधकर सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश की है. हालांकि इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री की तरफ से फाइल पास करने को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया गया है. विधायकों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने वोट के बदले सरकार पर दबाव बना रहे विधायकों को चेतावनी भी दी थी कि उनकी सरकार अभी ढ़ाई साल और है इसलिए सोच समझ कर फैसला करें.
निर्दलीय विधायकों को साधने में लगी भाजपा
राज्यसभा में अपना तीसरा उम्मीदवार जिताने के लिए भाजपा को 13 वोट जुटाने है. एक उम्मीदवार को जिताने के लिए 42 वोट की जरुरत है. भाजपा के पास दो उम्मीदवारों को जिताने के बाद 29 वोट बचते हैं. वह 13 वोट पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना के एक- एक उम्मीदवार आसानी से चुनाव जीत सकते हैं. शिवसेना को दूसरा उम्मीदवार जिताने के लिए 16 वोट की जरुरत है. रांका के दो मंत्री अनिल देशमुख और नवाब मलिक के वोट दिलाने के लिए जेल से छूट की मांग के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिस पर आज फैसला आने की उम्मीद है. महाविकास आघाड़ी के दलों और भाजपा के नेता अपने उम्मीदवार के जीत के दावे कर रहे हैं. विधायकों को खरीद फरोख्त से बचाने के लिए मविआ के विधायकों एवं समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों को ट्राइडेंट होटल में रखा गया है. जबकि भाजपा अपने विधायकों और समर्थन विधायकों को ताज होटल में ठहराया गया है. राज्यसभा के लिए 10 जून को मतदान किया जाएगा.
विधान परिषद चुनाव पर असर
राज्यसभा में यदि भाजपा उम्मीदवार जीतता है तो इसका असर विधान परिषद चुनाव पर पड़ना तय माना जा रहा है. भाजपा के चार उम्मीदवार जिताने के लिए पर्याप्त वोट हैं लेकिन भाजपा ने पांच उम्मीद्वारों के नाम घोषित कर आघाड़ी दलों की टेंशन बढ़ा दी है. परिषद चुनाव के लिए गुप्त मतदान होता है इसलिए राज्य सभा से ज्यादा यहां खरीद फरोख्त की संभावना अधिक है. विधान परिषद के लिए का चुनाव ज्ञ20 जून को होगा=




