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राष्ट्रपति चुनाव: भाजपा को चुनौती दे पाएगा संयुक्त विपक्ष
जानिए, राष्ट्रपति चुनाव में क्या है वोटों का गणित

आईएनएस न्यूज नेटवर्क
Presidential Election: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta banarjee) की अध्यक्षता में बुलाई गई विपक्षी नेताओं की संयुक्त बैठक में भाजपा के खिलाफ राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार उतारने पर चर्चा हुई. विपक्ष की कोशिश है कि राष्ट्रपति चुनाव में आम सहमति से उनका उम्मीदवार खड़ा किया जाए और उसे जीत दिलाई जाए. लेकिन क्या संयुक्त विपक्ष मिलकर राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा को चुनौती (United opposition will be able to challenge BJP) दे पाएगा. जब पहली ही बैठक में तीन पार्टियों ने दूरी बना ली हो.
पवार का इनकार
संयुक्त विपक्ष की बैठक में पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार के नाम पर सहमति बनाने की कोशिश की गई लेकिन पवार ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उनकी राजनीतिक पारी अभी बाकी है. पवार बहुत सुलझे हुए नेता हैं. वे उन्हें भाजपा और संयुक्त विपक्ष की ताकत का पूरा अंदाजा है. वे ऐसे किसी चुनाव में मात खाकर अपनी भद्द नहीं पिटवाएंगे. पवार के इनकार के बाद विपक्ष अब नए उम्मीदवार की तलाश कर रहा है.
बैठक में शामिल हुए 17 पार्टियों के नेता
विपक्षी दल अब किसी ऐसे नेता को चुनने की कोशिश की जा रही है, जिस पर सभी की सहमति हो. इस बैठक में 17 दलों के नेता पहुंचे थे, जिनमें एनसीपी चीफ शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना), दीपांकर भट्टाचार्य (सीपीआई माले), मनोज झा (आरजेडी), महबूबा मुफ्ती( पीडीपी), फारूक अब्दुल्ला (एनसी), रणदीप सुरजेवाला, मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश (कांग्रेस), अखिलेश यादव (एसपी), जयंत चौधरी (आरएलडी) और टी आर बालू (डीएमके) शामिल हैं.
बीजेडी, वाईएसआर, आप ने बनाई दूरी
तृणमूल कांग्रेस के आवाहन के बाद वाईएसआर ने यह कह कर बैठक से दूरी बना ली कि जिस बैठक में कांग्रेस को आमंत्रित किया जाएगा वे शामिल नहीं होंगे जबकि बीजेडी ने कहा कि भाजपा की तरफ से राष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद निर्णय लेंगे. विपक्ष की बैठक में आम आदमी पार्टी भी शामिल नहीं हुई. पार्टी की तरफ से कहा गया कि राष्ट्रपति चुनाव में अभी बहुत समय है.
ऐसा है राष्ट्रपति चुनाव का गणित
राष्ट्रपति चुनाव में दिए जाने वाले कुल मतों का मूल्य 10,79,206 है. एनडीए को इस चुनाव में जीत के लिए आधे से अधिक मत यानी 5 लाख 40 हजार मूल्य के वोट चाहिए. अकेले भाजपा के पास ही 4,59,414 मूल्य के मत हैं. इसके अलावा उसके सहयोगी दल जेडीयू के वोटों का मूल्य 22,485 है और एआईएडीएमके के वोटों की कीमत 15,816 है. इस तरह एनडीए के कुल वोटों का मूल्य 4,97,715 है.
एनडीए को चाहिए 43 हजार मूल्य के वोट
राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के लिए एनडीए को 43000 मूल्य के वोट कम पड़ रहे हैं. बीजेडी के पास 31,686 मूल्य के वोट हैं. वहीं आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के वोटों की कीमत 43,450 है. ऐसे में उसकी ओर से भी समर्थन मिलता है तो एनडीए उम्मीदवार बहुत आसानी से जीत जाएगा. राष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार को जिताने की विपक्षी पार्टियों की सभी कवायद धरी रह जाएगी.